केंद्रीय मंत्री का दावा देश के 72 प्रतिशत घरों को मिल चुका है पेयजल, 2024 अंत तक हो जाएगी 100 प्रतिशत

केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह ने कहा, कोविड के दो वर्षों के दौरान तमाम चुनौतियों का सामना करने के बावजूद 72 प्रतिशत घरों तक पेयजल की सुविधाएं पहुंच गई हैं.

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केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा 72 प्रतिशत घरों तक पहुंचा पेयजल

Rajasthan News: देश में कई राज्यों और क्षेत्रों में पेयजल को लेकर काफी समस्या है. जिस तरह से जमीन का पानी खराब होते जा रहा है उससे पेयजल की समस्या काफी ज्यादा हो गई है. वहीं, राजस्थान में के कई भागों में तो पानी का नामो निशान भी नहीं है. हालांकि,  केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने 7 जनवरी को कहा कि देश के 72 प्रतिशत घरों तक पेयजल सुविधाएं पहुंच चुकी हैं और दिसंबर 2024 तक देश के बांकी बचे जगहों में भी पहुंच जाएंगी. सिंह ने यहां असम से आए पत्रकारों के एक समूह को बताया कि जब 2019 में ‘जल जीवन मिशन' शुरू हुआ तो 16 प्रतिशत से कुछ अधिक घरों में ही पेयजल की सुविधा थी.

उन्होंने बताया कि योजना का कार्यान्वयन राज्य सरकारों की जिम्मेदारी है. प्रत्येक राज्य को अलग-अलग भौगोलिक चुनौतियों का सामना करना पड़ता है. हमने राज्य सरकारों के परामर्श से एक दिशा-निर्देश तैयार किया है और योजना का कार्यान्वयन उसी के अनुसार किया जा रहा है.''

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72 प्रतिशत घरों तक पेयजल की सुविधाएं पहुंच गई

केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘मैं गर्व के साथ कह सकता हूं कि कोविड के दो वर्षों के दौरान तमाम चुनौतियों का सामना करने के बावजूद 72 प्रतिशत घरों तक पेयजल की सुविधाएं पहुंच गई हैं. सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्रतिज्ञा की है कि प्रत्येक घर को पेयजल की सुविधा मिले और हम दिसंबर 2024 तक इसे सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. उन्होंने कहा कि दिसंबर 2019 में योजना शुरू होने के बाद से राजस्थान ने घरों में पेजयल की आपूर्ति के मामले में बहुत कम प्रगति देखी गई. हालांकि, राज्य सरकार बदलने के साथ उन्होंने उम्मीद जताई कि दिसंबर 2024 तक महत्वपूर्ण प्रगति होगी.

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नदी जोड़ने के लिए एक समिति करेगी अध्ययन

नदियों को जोड़ने के संबंध में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कई राज्यों को या तो बाढ़ की समस्या या सूखे की स्थिति का सामना करना पड़ता है. नदियों को जोड़ना और नदी के प्रवाह को आवश्यकता के अनुसार मोड़ने के लिए एक ग्रिड बनाना पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का सपना था. उन्होंने कहा कि इसके अध्ययन के लिए एक समिति का गठन किया गया था. इस योजना के तहत नदी के प्रवाह को अधिशेष वाले क्षेत्रों से पानी के अभाव वाले क्षेत्रों की ओर मोड़ा जा सकता है. हमने 15 से अधिक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार की हैं और इसे विभिन्न राज्यों के साथ साझा किया है ताकि संबंधित सरकारें समझौते कर सकें और हम इस दिशा में आगे बढ़ सकें.

मंत्री ने कहा कि मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश सरकारों ने केन और बेतवा नदियों को जोड़ने के लिए केंद्र के साथ समझौता साझा किया है और 40,000 करोड़ रुपये की इस परियोजना पर जल्द ही काम शुरू होगा.

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