वसुंधरा राजे के 'रो रहे लोग...' वाले बयान पर केंद्र ने लिया संज्ञान, राज्य सरकार से मांगी रिपोर्ट

वसुंधरा राजे ने राजस्थान के अधिकारियों को फटकार लगाई थी. अब यह आवाज दिल्ली पहुंच गई है और केंद्रीय मंत्री ने राज्य सरकार से तत्काल रिपोर्ट मांगी है.

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Vasundhara Raje: राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने राजस्थान के सरकारी विभागों के अधिकारियों पर नाराजगी जाहिर की थी. वसुंधरा राजे ने जल संकट को लेकर अधिकारियों के काम पर नाराजगी जाहिर की थी. उन्होंने अधिकारियों से पाई-पाई का हिसाब देने को कहा था. उन्होंने यह भी कहा था कि अफ़सर सो रहें है, लोग रो रहें हैं. मैं ऐसा नहीं होने दूंगी. इस बारे में राजे ने सोशल मीडिया पर भी लिखा. जिस पर विपक्ष की राजनीति भी शुरू हो गई. वहीं वसुंधरा की नाराजगी पर केंद्र ने संज्ञान लेते हुए राजस्थान सरकार से तत्काल रिपोर्ट मांगी है.

केंद्रीय जलशक्ति मंत्री सीआर पाटिल ने झालावाड़ में जल संकट को लेकर राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगी है. उन्होंने कहा, झालावाड़ में जल संकट को लेकर वसुंधरा राजे की उठाई गई चिंता गंभीर है. राजस्थान सरकार से तत्काल रिपोर्ट मांगी गई है.

विपक्ष ने सरकार को घेरा

वसुंधरा राजे के बयान पर अब विपक्ष सरकार को घेरने में लगी है. नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने वसुंधरा के बयान पर अपने सोशल मीडिया पर लिखा कि 'जब पूर्व मुख्यमंत्री ही मजबूर हो गई हो तो आम आदमी की क्या हालत होगी. 

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वसुंधरा ने अधिकारियों को लगाई थी फटकार

पूर्व सीएम वसुन्धरा राजे ने मंगलवार (8 अप्रैल) को पेयजल संकट की शिकायत पर जलजीवन मिशन और जलदाय विभाग के अफसरों को रायपुर क़स्बे के ग्रामीणों के बीच ही क्लास लगाई. उन्होंने सवाल करते हुए कहा, ‘क्या जनता को प्यास नहीं लगती? सिर्फ आप अफ़सरों को ही लगती है. गर्मी में पेयजल संकट के कारण जनता त्रस्त हैं. अफ़सर तृप्त है. पानी कागजों में नहीं, लोगों के होंठों तक पहुँचे. अफ़सर सो रहें है, लोग रो रहें हैं. मैं ऐसा नहीं होने दूंगी.

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मांगा पाई-पाई का हिसाब

वसुंधरा राजे ने सख्त लहजे में कहा कि प्रधानमंत्री जी ने 42 हज़ार करोड़ जल जीवन मिशन में दिये हैं. पाई-पाई का हिसाब दो कि झालावाड़ के हिस्से की राशि का आपने क्या किया ? पेयजल संकट निवारण के लिए हमारी सरकार तो पैसा दे रही है, लेकिन अफसर योजनाओं की सही क्रियान्वित नहीं कर रहे. इसलिए राजस्थान के लोग प्यास से व्याकुल है. यह तो अप्रैल का हाल है. जून-जुलाई में क्या होगा?

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