kirodi lal Meena public hearing News: राजस्थान के कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ीलाल मीणा ने मंगलवार को कार्यकर्ताओं की सुनवाई के बाद अपने कार्यालय के बाहर लॉन में बैठकर 'मंत्री दरबार' लगाया. इस अनूठे जनसुनवाई के दौरान, उन्होंने प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों से आए फरियादियों की समस्याओं को सुना और मौके पर ही तुरंत समाधान के प्रयास किए, जिसके तहत उन्होंने परिवहन मंत्री को भी फोन किया.
खाद की उपलब्धता पर दिया आश्वासन
जनसुनवाई के दौरान मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए डॉ. मीणा ने राज्य में खाद और बीज की कमी को लेकर संश्य दूर किया. उन्होंने कहा कि खाद पर्याप्त है. जितनी हमने मांग की है, उतनी खाद केंद्र से मिल रही है. यूरिया के लिए लाइनें लगने के सवाल पर उन्होंने बताया कि यूरिया आने से पहले टोकन थमा दिए जाते हैं, जिसके बाद सभी किसान एक साथ आ जाते हैं, जिससे लाइन लग जाती है. इसके अलावा नकली खाद पर रोकके लिए कहा कि मुख्यमंत्री और मैं दोनों यूरिया और खाद को लेकर लगातार केंद्र से संपर्क में हैं." उन्होंने कहा कि कमी का एक बड़ा कारण यह भी है कि राज्य में लाखों मीट्रिक टन नकली खाद बनता था, जिस पर अब रोक लगी है.
चूरू डॉक्टर लापरवाही केस में दखल
जनसुनवाई के दौरान एक गंभीर मामला सामने आया, जिस पर डॉ. मीणा ने तुरंत संज्ञान लिया. उन्होंने बताया कि चूरू में 2020 में डॉक्टर की लापरवाही से प्रसूता की मौत हो गई थी. इस मामले में कृष्णा पूनिया (विधायक) ने आंदोलन किया था और मुकदमे से बाहर निकलने में वह सफल हो गईं. इस मामले को लेकर डॉ. मीणा ने कहा कि आज वह मामला सामने आया था. मैंने डीजी से कहा है कि इस मामले के पीड़ित की जानकारी इकट्ठा कर के दें. मैं पिछले 40-45 साल से राजनीति में हूं, हम भी आंदोलन करते हैं, और कृष्णा ने आंदोलन से सबका नाम निकलवाना चाहिए था.
किसानों के प्रति सरकार संवेदनशील
डॉ. मीणा ने कहा कि किसानों को लेकर हमारी सरकार हमेशा से संवेदनशील रही है, हम अन्नदाता के सुख-दुख में शामिल हैं, एक बार फर्टिलाइजर की कमी आने पर 100 किसानों का प्रतिनिधिमंडल डेनमार्क गया था. लेकिन वही फर्टिलाइजर और पेस्टिसाइड के अत्यधिक उपयोग पर चिंता भी व्यक्त की. उन्होंने कहा कि यह जहर पूरी दुनिया खा रही है. फर्टिलाइजर और पेस्टिसाइड का बहुत उपयोग जहर है. इसके उपयोग के प्रति सतर्क होने की सलाह दी है.
लॉन में जनसुनवाई
लॉन में बैठकर जनसुनवाई करने के अपने तरीके पर डॉ. मीणा ने कहा कि जो दूरदराज से आए हुए लोग हैं, उनको सुनने का भाव हमेशा रहता है. उन्होंने जोर देकर कहा कि संगठन के लिए मंत्रियों का समय दिया जाना जरूरी है ताकि वे जमीनी स्तर पर लोगों से जुड़ सकें और उनकी समस्याओं को समझ सकें.
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