बलोतरा में मजदूर की मौत पर बढ़ा बवाल, जमकर हुई पत्थरबाजी, रिफाइनरी गेट के अंदर फंसे हजारों लोग

बलोतरा के पचपदरा रिफाइनरी में एक मजदूर की मौत के बाद बवाल हो गया. आक्रोशित परिजनों ने जमकर पत्थरबाजी की. रिफाइनरी गेट बंद होने के चलते हजारों की संख्या में लोग अंदर फंसे हुए है. 

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Pachpadra Refinery Laborer's Death: राजस्थान के बालोतरा जिले के पचपदरा में रिफाइनरी में एक मजदूर की मौत के बाद बवाल मच गया है. मजदूर की मौत की सूचना मिलने पर परिजन सहित आसपास के सैकड़ों ग्रामीण रिफाइनरी के गेट के आगे पहुंचे और कम्पनी पर लापरवाही के आरोप लगाते हुए रिफाइनरी के गेट बंद कर दिए. इस दौरान हजारों लोग गेट के अंदर फंस गए. मामले की जानकारी मिलने पर पचपदरा पुलिस व तहसीलदार भी मौके पर पहुंचे और धरनादे रहे लोगों से समझाईस की. लेकिन आक्रोशित लोग अपनी मांग पर अड़े रहे. सोमवार देर रात तक जारी धरने पर एएसपी धर्मेंद्र यादव व एसडीएम राजेश विश्नोई भी मौके पर पहुंचे और प्रतिनिधि मंडल के साथ बात कर कम्पनी प्रतिनिधियों से भी बात शुरू की.

पाइप के नीचे दबने हुई थी मजदूर की मौत

रिफाइनरी के अंदर एक निर्माण साईट पर पाईपलाईन बिछाने का काम करते वक्त निसार खान निवासी रिछोली के ऊपर एक पाईप गिर गया. पाइप के नीचे दबने से निसार खान मौत हो गई. रिफाइनरी साईट पर कार्यरत अन्य साथी मजदूरों और कम्पनी द्वारा उसे निजी वाहन में बालोतरा के अस्पताल लाया गया. जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. घटना में साथी मजदूरों ने कम्पनी पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए प्रदर्शन किया. घटना के बाद बड़ी संख्या में परिजन व ग्रामीण रिफाइनरी पहुंचे और प्रदर्शन शुरू किया.

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करीब 5 घण्टे चले प्रदर्शन के दौरान हजारों मजदूर अंदर फंसे

रिफाइनरी के बाहर करीब 5 बजे शुरू प्रदर्शन व धरने के बाद आक्रोशित लोगों ने रिफाइनरी का गेट बंद कर दिया. गेट बंद होने पर दिन की शिफ्ट खत्म होने के बाद हजारों मजदूर अंदर फंस गए. मजदूरों को ले जाने वाली बसे भी अंदर फंस गई. गेट नं. 3 पर प्रदर्शन कर रहे लोगों और अंदर फंसे मजदूरों के बीच पत्थरबाजी हुई, जिससे कई वाहनों के शीशे टूट गए.

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बाद में पुलिस द्वारा धरना देने वाले लोगों को वहां से हटाने के बाद हजारों मजदूरों को पैदल ही रिफाइनरी के बाहर निकाला गया. गेट नं. 4 के आगे बैठे धरने के कारण एम्बुलेंस भी अंदर फंस गई, जिसे पुलिस ने धरनार्थियों के साथ हल्का बल कर हटाया और एम्बुलेंस को रास्ता दिया. बाद में प्रदर्शनकारी वापस गेट के आगे धरने पर बैठ गए.बाद में प्रशासन, कम्पनी प्रतिनिधियों और धरनार्थियों के साथ वार्ता का दौर शुरू हुआ जो देर रात तक जारी था.

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