Rajasthan News: राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का आज जन्मदिन (Vasundhara Raje Birthday) है. शनिवार को वे 71 साल की हो गई हैं. इस खास मौके पर उन्होंने जैसलमेर (Jaisalmer) के तनोट माता मंदिर (Shri Tanot Mata Temple) में विशेष पूजा अर्चना के साथ सर्व शत्रु विनाशक यज्ञ किया. इसके बाद राजे ने केक काटकर अपना जन्मदिन मनाया और फिर भाजपा जिला पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं के साथ जवानों को संबोधित किया.
तनोट माता मंदिर को ही क्यों चुना?
राजे ने कहा, 'पिछले कुछ समय से मैं अपने जन्मदिन पर राजस्थान के किसी एक मंदिर में जाकर दर्शन करती आ रही हूं. इसकी शुरुआत मैंने भरतपुर के पूंछरी का लोटा मंदिर में दर्शन करके की. उसके बाद मैं सालासर बालाजी मंदिर में दर्शन करने गई. उसके अगले साल मैं केशवरायपाटन मंदिर में दर्शन करने गई और इस साल मैं तनोट माता मंदिर में दर्शन करने आई हूं. सभी ने मुझसे पूछा कि इतनी दूर क्यों आई हैं? तब मैंने उन्हें बताया कि मैं इस बार ऐसी जगह पर जाना चाहती थी, जहां लोग देश के लिए अपनी जान हथेली पर रखकर ड्यूटी कर रहे हैं, ताकि हम चेन की नींद ले सकें.'
'अगर ये हो जाए तो सोने पर सुहागा'
राजे ने कहा, 'तनोट माता मंदिर की महिमा के बारे में हम सभी ने सुना है. 1971 के युद्ध के दौरान जब पाकिस्तानी सेना ने मंदिर पर बम गिराए थे तो वो फटे ही नहीं थे. ये वो देवी हैं जो हम सभी के ऊपर अपना आर्शीवाद बनाए रखती हैं. तनोट माता का मंदिर चमत्कारी है. यहां आकर जो भी दर्शन करता है, उसकी जिंदगी पलट जाती है. तनोट माता 7 बहने हैं. अगर हम इन सभी के दर्शन कर लेते हैं तो ये सोने पर सुहागा वाली बात होगी. मुझे अभी सिर्फ 3 माता बहनों के दर्शन का सौभाग्य प्राप्त हुआ है. अभी 4 देवियों के दर्शन बाकी हैं. आने वाले समय में वहां जरूर जाऊंगी.'
तनोट माता मंदिर में 1 घंटे की आरती
राजे ने आगे बताया, 'तनोट माता मंदिर में करीब 1 घंटे की आरती होती है. ऐसा मैंने कहीं नहीं देखा. बाकी मंदिरों में आरती 10-20 मिनट की होती है. लेकिन यहां जिस तरह से आरती हुई, जो भजन गाए गए, उसे सुनकर आनंद आ गया. मेरी तनोट माता से प्रार्थना है कि आने वाले समय में भी राजस्थान में कमल खिलता रहे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी का जनाधार बढ़ता रहेगा. मेरी तनोट माता से प्रार्थना है कि वे देश के अलग-अलग कोने से आकर बॉर्डर पर ड्यूटी देने वाले हमारे जाबाज सिपाहियों की रखा करती रहें. उनके परिवार को खुशी दें और उनको खुश रखें.'
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