Rajasthan Politics:''वसुंधरा खुद का नाम पढ़ कर पर्ची खा जातीं, बाद में कौन क्या करता'' भजनलाल के CM बनने पर बोले बेनीवाल

Hanuman Beniwal: मंगलवार को एक चुनावी सभा में उन्होंने भाजपा द्वारा मुख्यमंत्री बनाने की प्रक्रिया पर चुटकी ले ली. वो मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को 'पर्ची मुख्यमंत्री' कहते रहे हैं.

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Rajasthan By Election 2024: राजस्थान में 13 नवंबर को 7 सीटों पर उपचुनाव हैं. उनमें सबसे हॉट सीट खींवसर बन चुकी है, जहां से नागौर सांसद और खींवसर से पूर्व विधायक हनुमान बेनीवाल की पत्नी कनिका बेनीवाल मैदान में हैं. हनुमान उनका खूब प्रचार कर रहे हैं. बेनीवाल राजस्थान की सियासत में उन नेताओं में शामिल हैं, जिनकी भाषण शैली सीधा लोगों को कनेक्ट करती है. वो बिलकुल देसी भाषा में लोगों से मुखातिब होते हैं. 

'खुद का ही नाम पढ़ देतीं'

मंगलवार को एक चुनावी सभा में उन्होंने भाजपा द्वारा मुख्यमंत्री बनाने की प्रक्रिया पर चुटकी ले ली. वो मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को 'पर्ची मुख्यमंत्री' कहते रहे हैं. क्योंकि विधायक दल की बैठक में उनका नाम एक पर्ची में लिखा हुआ मिला था. बेनीवाल ने कहा कि अगर वसुंधरा राजे में हिम्मत होती तो पर्ची उनको राजनाथ सिंह ने दी थी उसमें से खुद का नाम पढ़ देतीं और पर्ची खा जातीं. उन्होंने कहा कि कोई होशियार नेता होता होता तो ऐसा कर देता. 

गौरतलब है विधानसभा चुनाव में भाजपा को बहुमत प्राप्त होने बाद मुख्यमंत्री का चयन होना था. विधायक दल की बैठक में राजनाथ सिंह एक पर्ची लेकर पहुंचे थे. मीडिया के सामने उन्होंने वो पर्ची बगल में बैठी हुईं वसुंधरा राजे को दी थी. जिसमें मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का नाम लिखा हुआ था. 

47 साल पुरानी विरासत 

हनुमान बेनीवाल राजनीतिक घराने से आते हैं और उनकी यह विरासत 47 साल पुरानी है. बेनीवाल के पिता रामदेव बेनीवाल दो बार विधायक रहे हैं. 1977 में रामदेव बेनीवाल ने मुंडावा सीट से कांग्रेस के टिकट पर विधानसभा चुनाव जीता और बाद में 1985 में वो लोकदल से विधायक रहे. 2008 में परिसीमन के बाद इस सीट को खींवसर विधानसभा सीट बना दिया गया और बेनीवाल भारतीय जनता पार्टी के चुनाव चिन्ह पर जीत कर पहले बार विधानसभा पहुंचे थे. 

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