Veer bal diwas 2025: राजस्थान में स्कूलों की किताबों में 'वीर बाल दिवस' से जुड़ी प्रेरक गाथा को शामिल किया जाएगा. किताब में गुरु गोविंद सिंह के साहिबजादे फतेह सिंह और जोरावर सिंह की शहादत का अध्याय शामिल होगा. सीएम भजनलाल शर्मा ने घोषणा करते हुए कहा कि बहुत कम उम्र में उन्होंने धर्म और संस्कृति की रक्षा के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस घोषित कर उनके त्याग को जन-जन तक पहुंचाने का कार्य किया गया है. उन्होंने कहा कि अब छोटे बच्चों की पाठ्य पुस्तकों में वीर बाल दिवस से जुड़ी प्रेरक गाथा को शामिल किया जाएगा. ताकि नई पीढ़ी को साहस, बलिदान और धर्म-संस्कृति की रक्षा के मूल्यों से परिचित कराया जा सके.
बीजेपी मुख्यालय में हुआ कार्यक्रम
वीर बाल दिवस के मौके पर बीजेपी मुख्यालय में आयोजित कार्यक्रम के दौरान उन्होंने घोषणा की. इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने वीर बाल दिवस पर लगी प्रदर्शनी का उद्घाटन भी किया. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़, उपमुख्यमंत्री डॉ. प्रेमचंद बैरवा, सांसद मंजू शर्मा, कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा और विधायक बालमुकुंद आचार्य भी मौजूद रहे.
मुख्यमंत्री बोले- इससे राष्ट्रभक्ति का भाव विकसित होगा
सीएम ने कहा कि माता गुजरी का त्याग और साहिबजादों का साहस हमें राष्ट्र, धर्म और संस्कृति के प्रति अटूट संकल्प की प्रेरणा देता है. उन्होंने कहा, "आज आवश्यकता है कि हम अपने इतिहास पर गर्व करें और अपनी विरासत को आगे बढ़ाएं. इसी उद्देश्य से राज्य सरकार छोटे बच्चों की पुस्तकों में वीर बाल दिवस की गाथा को शामिल करेगी, ताकि बचपन से ही संस्कार और राष्ट्रभक्ति का भाव विकसित हो." कार्यक्रम के अंत में उपस्थित जनसमूह ने वीर साहिबजादों के अमर बलिदान को नमन करते हुए उनके आदर्शों पर चलने का संकल्प लिया.
मदन राठौड़ ने भी किया स्मरण
प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने कहा कि गुरु गोविंद सिंह जी के साहिबजादों की शहादत का स्मरण करते समय मन व्यथित हो उठता है. उन्होंने मुगल काल में धर्म परिवर्तन के लिए दी गई यातनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि साहिबजादों ने अत्याचारों के बावजूद अपने धर्म से समझौता नहीं किया. उन्होंने कहा कि 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस मनाया जाना देश के लिए गौरव का विषय है.
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