मोहनलाल सुखाड़िया यूनिवर्सिटी की कुलगुरु प्रो. सुनीता मिश्रा के दिए विवादित बयान पर मेवाड़ पूर्व राज परिवार की एंट्री को गई है. मेवाड़ पूर्व राज परिवार के सदस्य और नाथद्वारा से विधायक विश्वराज सिंह मेवाड़ ने विरोध जताया है. उन्होंने कहा कि जो बयान सामने आया है, विश्वास नहीं होता कि कोई वाइस चांसलर इस प्रकार बोल सकता है. इससे सभी लोगों में नाराजगी है. लंबे समय से देखने को मिला है. खासतौर पर मेवाड़ के इतिहास के बारे में विवादित बयान देते हैं. आखिर यह कब तक चलेगा. कभी ना कभी इसको रोकना ही होगा. कुलपति उदयपुर में और नहीं चाहिए.
अशोक गहलोत ने तुड़वाया अनशन
शनिवार (20 सितंबर) रात 10 बजे राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलोत उदयपुर के मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय पहुंचे. विश्वविद्यालय की कुलगुरु प्रोफेसर सुनीता मिश्रा को हटाने की मांग पर भूख हड़ताल पर बैठे एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं को जूस पिलाकर अनशन तुड़वाया.
राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने अनशन तुड़वाया.
वीसी ने औरंगजेब को कुशल प्रशासक बताया था
उदयपुर के मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय की वीसी सुनीता मिश्रा ने एक कार्यक्रम में मुगल बादशाह औरंगजेब को कुशल प्रशासक बताया था. इसके साथ ही उन्होंने मेवाड़ के वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप और मुगल बादशाह अकबर को 'समकक्ष राजा' करार दिया था. इस बयान के छात्रों ने नाराजगी जताते हुए मेवाड़ और भारतीय इतिहास का अपमान बताया है, और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) और NSUI सहित कई छात्र संगठनों ने विश्वविद्यालय में प्रदर्शन किया.
कुलगुरु को ऑफिस में बंंद किया
17 सितंबर को बड़ी संख्या में कुलगुरु के ऑफिस के बाहर इकट्ठा हो गए और नारेबाजी करते हुए दफ्तर के गेट पर ताला लगा दिया. बिजली काट दी. शाम साढ़े 5 बजे से रात करीब सवा 11 बजे तक गुलकुरु प्रो. सुनीता मिश्रा ऑफिस के अंदर ही रहीं. छात्रों ने कुलगुरु के बर्खास्ती तक आंदोलन जारी रखने की चेतावनी दी थी. विवाद काफी बढ़ा तो कुलगुरु प्रो. सुनीता मिश्रा ने माफी भी मांगी.
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