Rajasthan News: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ शनिवार को राजस्थान के उदयपुर दौरे पर रहे. इस दौरान उपराष्ट्रपति ने भगवान बिरसा मुंडा की 150वी जयंती के मौके पर कोटड़ा कस्बे में जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग और राजस्थान वनवासी कल्याण परिषद के तत्वावधान में आयोजित जनजाति गौरव महोत्सव को संबोधित किया. उस दौरान उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कहा कि आदिवासियों को बहला-फुसलाकर धर्म परिवर्तन कराने की दुर्भावनापूर्ण कोशिश की जा रही है. मैं इसे दुर्भावनापूर्ण प्रयास मानता हूं.
प्रलोभन प्रक्रिया पर नियंत्रण लगाने की जरूरत
जगदीप धनखड़ ने आगे कहा कि मैं देश में एक व्यवस्थित, षड्यंत्रकारी और प्रलोभन देने की प्रक्रिया देख रहा हूं जिस पर नियंत्रण लगाने की जरूरत है. आदिवासी संस्कृति का राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सम्मान होना चाहिए. उपराष्ट्रपति ने कहा, ‘‘हमारी सांस्कृतिक विरासत हमारी नींव है. जब नींव हिल जाती है, तो कोई भी इमारत सुरक्षित नहीं रहती.''
धनखड़ ने कहा कि आज भारत बदल रहा है और सही लोगों को भारत में जगह मिल रही है. द्रौपदी मुर्मू का राष्ट्रपति बनना आदिवासी गौरव का प्रतीक है. मुर्मू राष्ट्रपति हैं, एक किसान का बेटा उपराष्ट्रपति है और प्रधानमंत्री अन्य पिछड़ा वर्ग से हैं. प्रधानमंत्री के मंत्रिमंडल में भी ऐसा ही संतुलन है. बिरसा मुंडा के बारे में जगदीप धनखड़ ने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा ने देश की आजादी के लिए, जनजाति के लिए, मिट्टी के लिए जो किया वह अकल्पनीय है.
भगवान बिरसा मुंडा का योगदान राष्ट्रवाद का संदेश
आजादी की लड़ाई में हजारों लाखों लोगों ने योगदान दिया. पता नहीं क्यों इतिहासकारों ने बिरसा मुंडा के योगदान, मानगढ़ धाम के बलिदान को भूला दिया. आजादी के अमृतकाल में आजादी की लड़ाई के भूले बिसरे नायकों को सम्मान दिया जा रहा है. हर वर्ष 15 नवंबर को बिरसा मुण्डा जी की जन्म जयंती को राष्ट्रीय जनजाति गौरव दिवस के रूप मनाया जा रहा है. भगवान बिरसा मुंडा का पूरा जीवन राष्ट्रवाद का संदेश है. उन्होंने आमजन से आह्वान किया कि सभी इस महापुरूष को समझे और इनके कृत्य को आदर्श माने और हमेशा राष्ट्रवाद को सर्वापरि रखे.
यह भी पढ़ें- CM भजनलाल ने मलाड में राजस्थानी समाज सम्मेलन को किया संबोधित, कहा- महाराष्ट्र में बनेगी महायुति की सरकार