Rajasthan Politics: "यह बछड़ा हमारा ही था, दूध पीकर वापस आएगा", कांग्रेस विधायक से बोले मदन राठौड़, लगने लगे ठहाके

BJP Rajasthan President Madan Rathore: भाजपा प्रदेश अध्यक्ष रविवार को एक दिवसीय दौरे के दौरान सिरोही में थे. रात को 9:45 बजे आबूरोड रेलवे स्टेशन पहुंचे और राजधानी एक्सप्रेस से दिल्ली क़े लिए रवाना हुए.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins

Rajasthan: बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ और कांग्रेस विधायक के बीच ठहाके का एक वीडियो सामने आया है. यह वीडियो तब का है, जब मदन राठौड़ सिरोही रेलवे स्टेशन पर मौजूद थे. इसी दौरान उनकी मुलाकात कांग्रेस विधायक मोतीराम कोली से हुई. कोली पूर्व में बीजेपी सदस्य भी रह चुके हैं. इस पर राठौड़ ने ठहाका लगाते हुए कहा कि यह बछड़ा पहले हमारा ही था, भागा नहीं दूध पीकर वापस आएगा. यह सुनते ही वहां मौजूद कार्यकर्ताओं की हंसी छूट गई. दरअसल, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष रविवार को एक दिवसीय दौरे के दौरान सिरोही (sirohi) में थे. रात को 9:45 बजे आबूरोड रेलवे स्टेशन पहुंचे और राजधानी एक्सप्रेस से दिल्ली के लिए रवाना हुए. ट्रेन के इंतजार में मदन राठौड़ रेलवे स्टेशन पर वेटिंग रूम में भाजपा पदाधिकारियों और कार्यकर्त्ताओं के साथ बैठे हुए थे.

राठौड़ के बारे में जानकारी मिली तो मिलने पहुंचे कांग्रेस विधायक 

इसी दौरान रेवदर विधायक मोतीराम कोली भी जयपुर जाने के लिए रेलवे स्टेशन पहुंचे. उन्हें इसी दौरान पता चला कि बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष भी वेटिंग रूम मे बैठे हैं. यह जानकारी मिलने के बाद कोली मदन राठौड़ से मिलने पहुंच गए. कांग्रेस विधायक ने वहां मौजूद बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सहित अन्य पदाधिकारियों से भी मुलाकात की.

Advertisement

कोली की तरफ इशारा करते हुए कार्यकर्ताओं से बोले राठौड़

तभी चर्चा के दौरान मजाक-मस्ती भी हुई. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने कोली की तरफ इशारा करते हुए पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से कहा कि यह बछड़ा पहले हमारा ही था, जो खूंटा तोड़कर भाग गया. ठहाते लगाते हुए राठौड़ आगे बोले, "भाग नहीं गया, दूध पीकर वापस आएगा." यह सुनते ही पार्टी कार्यकर्ता और पदाधिकारी जोर-जोर से हंसने लगे. 

Advertisement

2003 तक बीजेपी के सदस्य रहे रेवदर

दरअसल, रेवदर के कांग्रेस विधायक पहले संघ और फिर साल 2003 तक बीजेपी के भी सदस्य रहे. बीजेपी में कार्य करते हुए 1995 में वह प्रधान भी चुने गए. जब साल 2003 में टिकट नहीं मिला तो नाराजगी के चलते उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ा था. 2003 के चुनाव में हार के बाद उन्होंने कांग्रेस का दामन थामा. इसके बाद जिला परिषद सदस्य भी बने. साल 2023 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे.

Advertisement

यह भी पढ़ेंः "मैंने पूछा कुछ और था, लेकिन जवाब कुछ और दिया जा रहा है", मंत्री के जवाब पर धारीवाल ने जताई आपत्ति


 

Topics mentioned in this article