बाड़मेर-जैसलमेर हाईवे से प्रभावित गांवों की होगी कनेक्टिविटी, 96 करोड़ की लागत से बनेगी नई सड़क

बाड़मेर-जैसलमेर नेशनल हाई वे के कारण प्रभावित गांववासियों को संपर्क सड़क से जोड़ने के लिए कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए गए थे. इसके लिए रोडमैप तैयार किया गया है.

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प्रतीकात्मक फोटो

Rajasthan News: राज्य सरकार के सयुंक्त उपक्रम बाड़मेर लिग्नाइट माइनिंग कंपनी द्वारा बाड़मेर-जैसलमेर हाईवे से प्रभावित गांवों के निवासियों को हाईवे से जोड़ने के लिए 96 करोड़ रुपये की लागत से वैकल्पिक सड़क मार्ग का निर्माण करवाया जाएगा. यह निर्णय बुधवार (26 जून) को अतिरिक्त मुख्य सचिव सार्वजनिक निर्माण विभाग संदीप वर्मा की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में लिया गया. संदीप वर्मा ने बताया कि बाड़मेर-जैसलमेर नेशनल हाईवे के कारण जलिपा कपूरडी क्षेत्र के गांववासी प्रोपर कनेक्टिविटि नहीं मिलने के कारण प्रभावित हो रहे थे. 

संदीप वर्मा ने बताया कि वैकल्पिक सड़क और कनेक्टिव सड़क के निर्माण से क्षेत्रवासियों को हाईवे व बेहतर सड़क सुविधाओं से जोड़ा जाएगा.

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नेशनल हाई वे के कारण प्रभावित गांववासियों को संपर्क सड़क

खान सचिव और बीएलएमसी की चेयरपर्सन आनन्दी ने बताया कि बाड़मेर लिग्नाइट कारपोरेशन की मार्च माह में आयोजित संचालक मण्डल की 68वीं बैठक में उनके द्वारा क्षेत्र से गुजर रहे नेशनल हाई वे के कारण प्रभावित गांववासियों को संपर्क सड़क से जोड़ने के लिए कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए गए थे. कार्ययोजना के अनुसार बाड़मेर जैसलमेर हाई वे से प्रभावित रोहिली, लाखेटाली, चकढ़ोलक आदि गांवों को जलिपा तक नेशनल हाईवे से जोड़ने के लिए नई रोड़ पर 27 करोड़ और कनेक्टिव रोड़ पर 69 करोड़ रुपये यानी कुल 96 करोड़ रुपये का व्यय आंका गया है.
       
आनन्दी ने बताया कि सड़क का निर्माण सार्वजनिक निर्माण विभाग द्वारा करवाया जाएगा और उस पर होने वाली 96 करोड़ की राशि बीएलएमसीएल द्वारा उपलब्ध कराई जाएगी. उन्होंने बताया कि इससे क्षेत्र के करीब 5 हजार गांववासियों सहित हजारों लोगों को बेहतर रोड़ कनेक्टिविटि मिल सकेगी.
       
आनन्दी ने बताया कि बीएलएमसीएल द्वारा कपूरडी-जलिपा माइंस से लिग्नाइट का खनन कर पावर प्लांट में विद्युत उत्पादन के लिए उपलब्ध कराया जाता है. इसके साथ ही सामाजिक सरोकार के तहत भी क्षेत्रीय विकास के कार्य किये जा रहे हैं.

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