"जब सरकार का इकबाल खत्म होता है, तभी कानून हाथ में लेते हैं लोग", नरेश मीणा के थप्पड़कांड पर बोले गहलोत

Naresh Meena News: देवली-उनियारा विधानसभा क्षेत्र के समरावता में भड़की हिंसा पर पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने भजनलाल सरकार को आड़े हाथ लिया.

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Ashok Gehlot on Naresh Meena Case: नरेश मीणा के थप्पड़कांड पर गरमाए माहौल पर पूर्व सीएम अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने भजनलाल सरकार को आड़े हाथ लिया. जोधपुर एयरपोर्ट पर बात करते हुए गहलोत ने कहा कि राजस्थान में पुलिस का इकबाल खत्म हो चुका है. कानून-व्यवस्था ठप हो चुकी है. जब सरकार का इकबाल खत्म होता है तो लोगों में वह डर खत्म हो जाता है. तभी लोग कानून को हाथ में लेते हैं. उन्होंने कहा कि देवली-उनियारा में जो भी घटनाक्रम हुआ है, यह हुआ क्यों? यह घटना कोई मामूली घटना नहीं थी. 

सरकार पर कर दी सवालों की बौछार

उन्होंने कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े होते हुए सरकार से पूछा कि कोई व्यक्ति अधिकारी को थप्पड़ लगाए यह ऐसी स्थिति बनी ही क्यों. इतनी हिम्मत किसी की कैसे हो सकती है. हम बार-बार सरकार से कहते हैं कि गुड गवर्नेंस दो, ताकि पूरे प्रदेश का भला हो. विपक्ष की सलाह को सरकार को हमेशा सकारात्मक रूप से लेना चाहिए. साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार में अगर दम है तो सुधार करें. ताकि जनता का भला हो और यही डेमोक्रेसी होती है. 

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फैसला नहीं ले पा रही है सरकार- गहलोत

गहलोत ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की फितरत में नहीं है कि किसी की भावनाओं का आदर करें और आलोचना की सहन करने की शक्ति हो. साथ ही जिले खत्म करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि साल भर होने जा रहा है, बार-बार कहते हैं कि जिले खत्म कर दिए जाएंगे. लेकिन 1 साल से कुछ हो नहीं रहा है. कोई भी काम हो नहीं रहे हैं, ना ही सरकार कुछ फैसला ले पा रही है. सिर्फ रिव्यू मीटिंगों के अलावा कुछ भी नहीं हो रहा है. अगर सरकार को किसी मामले पर डाउट है तो तुरंत सरकार को फैसला लेना चाहिए. 6 महीने की रिव्यू कमेटी तो बना दी गई, लेकिन फैसला नहीं कर पा रहे हैं.

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पहली बार विधायक से CM बनाने का बीजेपी का बड़ा फैसला 

इस दौरान उन्होंने जोधपुर के अनिता चौधरी हत्याकांड को लेकर भी भजनलाल सरकार को आड़े हाथ लिया और कहा कि इतना बड़ा हत्याकांड हो गया लोगों मे आक्रोश है. पहली बार सुनने में आया है कि किसी की इस तरह हत्या करके शव को जमीन में गाढ़ दिया जाता है. पूरे प्रदेश में ऐसे ही हालात बने हुए हैं.

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि एक मौका मिला था कि सीधे विधायक बनने के बाद मुख्यमंत्री बनाया गया और भारतीय जनता पार्टी का यह बहुत बड़ा फैसला था. वसुंधरा राजे ने भजनलाल शर्मा के नाम की पर्ची खोली, वह चाहती थी कि कुछ भावना व्यक्त करें. लेकिन राजनाथ सिह के सामने भावना व्यक्त नहीं कर पाईं. सरकार को चाहिए कि पक्ष-विपक्ष को साथ लेकर काम करेंय. अच्छी सरकार बनाकर जनता के सामने रखें. 

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