राजस्थान के इस गांव में किसी भी राजनीतिक दल के प्रत्याशी व समर्थक का प्रवेश है वर्जित

भीलवाड़ा जिले के माण्डलगढ़ विधानसभा क्षेत्र की 8 ग्राम पंचायतों को शाहपुरा जिले में शामिल रखने को लेकर काछोला तहसील के ग्रामीणों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है. यहां आचार संहिता लागू होने के बाद सरकार के खिलाफ ग्रामीणों का विरोध प्रदर्शन और तेज हो गया है.

विज्ञापन
Read Time: 7 mins
धरनारत ग्रामीण
भीलवाड़ा:

भीलवाड़ा जिले के माण्डलगढ़ विधानसभा क्षेत्र की 8 ग्राम पंचायतों को शाहपुरा जिले में शामिल रखने को लेकर काछोला तहसील के ग्रामीणों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है. यहां आचार संहिता लागू होने के बाद सरकार के खिलाफ ग्रामीणों का विरोध प्रदर्शन और तेज हो गया है. काछोला कस्बे का बाजार बंद रख कर विरोध जताने के बाद भी सुनवाई नहीं होने पर गुस्साए ग्रामीण पंचायत कार्यालय के बाहर धरने पर बैठकर भूख हड़ताल शुरू कर दी है.

ग्रामीण करेंगे वोट का बहिष्कार 

पंचायत बचाओ संघर्ष समिति ने ऐलान किया है कि आठों ग्राम पंचायतों को वापस भीलवाड़ा जिले में शामिल नहीं किया गया, तो विधानसभा चुनाव में वोट का बहिष्कार किया जाएगा. साथ ही, किसी भी राजनैतिक दल के प्रत्याशी व समर्थकों को पंचायत क्षेत्र में प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा. 

1 महीने तक दे चुके है धरना

ग्रामीणों का आरोप हैं कि जिले के दो मंत्रियों के वर्चस्व की लड़ाई माण्डलगढ़ की 16 ग्राम पंचायतों को नव सृजित शाहपुरा जिले में शामिल कर दिया गया था. इन सभी पंचायतों के जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों ने एक माह तक माण्डलगढ़ एसडीएम कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन किया. 

8 पंचायतों को भीलवाड़ा में शामिल करने की मांग

हालांकि इस दौरान मुख्यमंत्री की दखल के बाद 8 ग्राम पंचायतों को वापस भीलवाड़ा जिले में जोड़ दिया गया और शेष 8 ग्राम पंचायतों को शाहपुरा जिले में ही शामिल रखा गया है. ग्रामीण शेष आठ पंचायतों को भी भीलवाड़ा में शामिल करने की मांग को लेकर आंदोलन करने पर मजबूर हुए है.

Advertisement

ये भी पढें- पूर्व बीजेपी प्रत्याशियों दिखाए बगावती सुर, बानसूर में गूंजे 'पार्टी को हराओ और इनाम पाओ' के नारे