पेट्रोल पंप पर पानी की म‍िलावट, उपभोक्‍ता बोला- तेल डलवाने के बाद कुछ दूर जाते ही गाड़ी बंद हो गई

उपभोक्‍ताओं ने रोष जताया और कार्रवाई की मांग की. कहा क‍ि पेट्रोल पंप पर पहले भी कई बार श‍िकायतें आ चुकी हैं.

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बाइक के टंकी से मैकेनिक ने पानी निकाला.

भरतपुर के बयाना में स्थित एक पेट्रोल पंप पर मिलावटी पेट्रोल का मामला आया है. अखिल भारतीय अग्रवाल सम्मेलन के राष्ट्रीय सचिव राजेश गोयल ने बताया कि उन्होंने अपनी मोटरसाइकिल में पंप से पेट्रोल डलवाया. पेट्रोल भरवाने के कुछ ही देर बाद बाइक अचानक बंद हो गई. जब बाइक को मिस्त्री के पास ले जाकर जांच कराई गई, तो पेट्रोल टैंक में पानी होने का खुलासा हुआ.

सोशल मीडिया पर किया पोस्ट 

राजेश गोयल ने बताया कि जब उन्होंने इसकी शिकायत पेट्रोल पंप संचालक से की तो कोई भी संतोषजनक जवाब नहीं दिया गया. इसके बाद उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर इस घटना को पोस्ट किया तो कई उपभोक्ताओं ने प्रतिक्रिया दी, और यही बताया कि इस पंप पर पानी मिले पेट्रोल की शिकायतें पहले भी कई बार सामने आ चुकी हैं. उपभोक्ताओं ने लिखा कि जब भी बोतल में पेट्रोल मांगा जाता है तो पंप संचालक देने से साफ इंकार कर देते हैं. इससे यह आशंका और गहरी हो जाती है कि पेट्रोल में गड़बड़ी छुपाने की कोशिश लगातार की जा रही है.

बोतल के ऊपर हिस्से में पेट्रोल और नीचे पानी है. दोनों का रंग अलग-अलग दिख रहा है.

लोग कई बार कर चुके शिकायत 

स्थानीय उपभोक्ताओं आकाश अग्रवाल, अंकित, जयपाल गुर्जर आदि कई उपभोक्ताओं ने आरोप लगाया कि बार-बार शिकायतों के बावजूद जिला आपूर्ति विभाग और संबंधित तेल कंपनी ने अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है. उनका कहना है कि इस प्रकार की लापरवाही उपभोक्ताओं की गाढ़ी कमाई और वाहनों दोनों को नुकसान पहुंचा रही है. इतना ही नहीं, सड़क पर चलते समय अचानक वाहन बंद होने से गंभीर हादसों का खतरा भी बढ़ जाता है.

उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के अनुसार किसी भी तरह की मिलावट, विशेषकर पेट्रोल जैसे ज्वलनशील उत्पाद में, गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है. इसके बावजूद संबंधित विभाग की चुप्पी और कंपनी का ढीला रवैया सवाल खड़े करता है.

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जांच कर कार्रवाई की मांग की 

राजेश गोयल सहित कई उपभोक्ताओं ने मांग की है कि इस पंप की तुरंत जांच कर कठोर कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में किसी उपभोक्ता को इस तरह की परेशानी न झेलनी पड़े. साथ ही उन्होंने चेतावनी दी कि यदि कार्रवाई नहीं हुई तो उपभोक्ता सामूहिक आंदोलन करने को मजबूर होंगे.

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