विकराल रूप ले रहा पांचना बांध का जलस्तर, तीन गेट खोल निकासी शुरू, ग्रामीणों के लिए चेतावनी

राजस्थान के करौली में स्थित पांचना बांध अपना विकराल रूप धारण कर रही है. क्योंकि इस बांध में पांच नदियों का पानी आता है, ऐसे में इसका जल स्तर लगातार बढ़ रहा है.

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पांचना बांध का जलस्तर बढ़ा

Rajasthan News: राजस्थान में इस बार मानसून की बारिश जहां कई क्षेत्रों के किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है. वहीं भारी बारिश और नदियों के बढ़ते जल स्तर से नदी किनारे बसे गांव पर खतरा मंडरा रहा है. इसके साथ ही बांध में पानी भरने के बाद बांध के गेट खोले जा रहे हैं. क्योंकि बांध के गेट खुलने के बाद पानी तेजी से फ्लो होती है तो ऐसे में ग्रामीणों के लिए खतरा और बढ़ जाता है. राजस्थान में पांचना बांध (Panchna Bandh) का जलस्तर भी विकराल रूप ले रहा है.

राजस्थान के करौली में स्थित पांचना बांध अपना विकराल रूप धारण कर रही है. क्योंकि इस बांध में पांच नदियों का पानी आता है, ऐसे में इसका जल स्तर लगातार बढ़ रहा है. अब इसका जल स्तर काफी ऊपर आ गई है तो बांध के तीन गेटों को खोल दिया गया है.

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ग्रामीणों को दी गई चेतावनी

पांचना बांध का जलस्तर 258.25 मीटर पहुंच चुका है. ऐसे में बांध से पानी की निकासी शुरू हो गई है. बांध का गेट नंबर 2, 4 और 6 खोल दिया गया है. जिससे 4000 क्सूसेक पानी की निकासी की जा रही है. जल संसाधन विभाग के अधिशाषी अभियन्ता सुशील गुप्ता ने बताया कि करौली जिले के पांचना बांध के गुरूवार को 3 गेट खोलकर जल निकासी शुरू कर दी गई है. बांध का पानी गंभीर नदी में खोला गया. उन्होंने बताया कि पांचना बांध से नदी में पानी छोडने की स्थिति में समस्त आमजन को सूचित किया जाता है कि गम्भीर नदी क्षेत्र के आसपास रहने वाले  व्यक्तियों एवं आमजन किसी भी प्रकार का आवागमन नहीं करें. 

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नदी के आसपास रहने वाले सभी आमजन से अपील कर उन्होंने कहा कि गम्भीर नदी क्षेत्र से दूर रहे ताकि किसी भी प्रकार की जनहानि व पशुहानि से बचा जा सके. इस संदर्भ में सतर्क एवं सक्रिय रहें, छोटे बच्चों को भी नदी के आस पास नहीं आने दिया जाये.

बता दें, पांचना बांध के पानी से करौली, सवाई माधोपुर, बयाना (भरतपुर) में जलापूर्ति होती है.सवाई माधोपुर ज़िले में पानी का भीषण संकट झेल रहे 35 गांवों की प्यास बुझाने के लिए वर्ष 1978-1979 में तत्कालीन सरकार ने करौली के पास 5 नदियों के संगम स्थल पर बांध निर्माण को मंजूरी दी थी. पांच नदियों को रोककर बनाए जाने के कारण इस बांध का नाम ‘पांचना' पड़ा था.

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