water shortage: राजस्थान के डूंगरपुर में पानी की किल्लत, 6 हजार हैंडपंप सूखे

water shortage: राजस्थान के डूंगरपुर में पीने के पानी की किल्लत है. शहर से लेकर गांवों तक लोगा पीने के पानी की परेशानी से जूझ रहे हैं. दूसरी तरफ खराब हैंडपंप ने लोगों की परेशानी बढ़ा दी है.

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राजस्थान के डूंगरपुर में हैंडपंप सूख गए हैं. लोगों को पीने के पानी की किल्लत हो गई है.

water shortage: डूंगरपुर में 13% हैंडपंप का पानी घटते जलस्तर की वजह से पूरी तरह से सुख गया है. 3% हैंडपंप हो खराब होने का दावा विभाग कर रहा है. जबकि हकीकत में कई हैंडपंप खराब पड़े हैं, जो चालू नही है. इस वजह से भी लोग पानी से जूझ रहे हैं. 

गर्मी शुरू होते ही पीने के पानी की कमी

गर्मी बढ़ने के साथ ही शहर से लेकर गांवों तक पानी की किल्लत शुरू हो गई है. बावजूद गांवो में हैंडपंप खराब पड़े हैं. पीएचईडी के एक्सईएन मूलचंद ने बताया की जिले में जलदाय विभाग ओर से  पंचायतीराज के तहत 47 हजार 271 हैंडपंप हैं. जिसमें से 915 खराब हैंडपंप को अभियान के तहत रिपेयर कर दिया है.

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1 हजार 246 हैंडपंप खराब हो चुके हैं

1 हजार 246 हैंडपंप खराब हो चुके हैं. रिपेयर लायक भी नहीं हैं. वहीं 5 हजार 984 हैंडपंप सुख चुके हैं. इनका जल स्तर निचले स्तर पर पहुंच गया है,  जिससे ये बारिश आने के बाद फिर से चालू हो सकते है. लेकिन गर्मी में लोगो को पानी नही मिलेगा. ऐसे में गर्मी के मौसम में हैंडपंप का घटना जलस्तर लोगो को मुश्किलें बढ़ा रहा है. वही लोग पीने के पानी के लिए भी भटक रहे हैं. 

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270 हैंडपंप में एक्सट्रा पाइप लगाए

गर्मी में घटते जलस्तर की वजह से पानी गहराई में चला गया. ऐसे में विभाग ने 270 हैंडपंप में एक्सट्रा पाइप लगाकर उन्हें फिर से चालू कर दिया. 585 मीटर पाइप बढ़ाकर पानी की गहराई तक पहुंचे, जिससे पानी की आवक शुरू हुई. लेकिन, पानी ज्यादा गहराई में चले जाने से ये पानी कब तक लोगो को उपलब्ध हो सकेगा. ये बड़ा सवाल है. 

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खराब हैंडपंप ज्यादा, मिस्त्री गिनती के

जलदाय विभाग के अनुसार पंचायतीराज के मिलाकर जिले में 45 हजार से ज्यादा हैंडपंप हैं. मिस्त्री के नाम पर जिले में केवल 1 फीटर, 61 मिस्त्री और 22 हेल्पर ही हैं. ऐसे में प्रति हैंडपंप मिस्त्री के जिम्मे 3 से 4 या इससे ज्यादा पंचायतों में हैंडपंप रिपेयरिंग का जिम्मा है. दूसरी ओर देखा जाए तो गहराई में पानी जाने की वजह से जलदाय विभाग पाइप बढ़ाकर चालू करने का प्रयास कर रहे हैं. पंचायतीराज से पाइप नहीं मिलने पर जलदाय विभाग अपने पाइप से काम चला रहा है. जिले में 40 % हैंडपंप जलदाय विभाग ओर 60 % पंचायतीराज विभाग के हैं.