क्या है किसान रजिस्ट्री प्रोजेक्ट, कितना जरूरी है किसान आईडी और कैसे बनेगा कार्ड, जानें सब कुछ

राजस्थान में किसान रजिस्ट्री प्रोजेक्ट को लागू किया गया है. अब इस योजना के तहत प्रदेश के सभी जिलों में 5 फरवरी से 31 मार्च तक किसानों का आईडी कार्ड बनाया जाएगा.

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Rajasthan Farmer Registry Project: राजस्थान में भजनलाल सरकार ने किसानों को डिजिटल पहचान देने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाया है. इसके तहत एग्रीस्टैक योजना में किसान रजिस्ट्री प्रोजेक्ट को प्रदेश में लागू किया गया है. अब इस योजना के तहत प्रदेश के सभी जिलों में 5 फरवरी से 31 मार्च तक किसानों का आईडी कार्ड बनाया जाएगा. इसके लिए सभी जिलों में प्रत्येक ग्राम पंचायत मुख्यालयों पर तीन दिवसीय शिविरों का आयोजन किया जाएगा. इन शिविरों में किसान जिला प्रशासन द्वारा निर्धारित तारीखों में सुबह 9:30 बजे से शाम 5:30 बजे तक अपना रजिस्ट्रेशन करवा सकेंगे.

बताया गया है कि शिविर में किसान आईडी (Farmer ID) तैयार करने के साथ साथ प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना, मुख्यमंत्री आरोग्य आयुष्मान योजना, किसान क्रेडिट कार्ड, मंगला पशु बीमा योजना, पशु टीकाकरण, पशु चिकित्सा एवं उपचार सहित पशु पालन विभाग, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग सहित अन्य विभागों की योजनाओं से भी किसानों को लाभांवित किया जाएगा.

क्या है किसान आईडी बनवाने की प्रक्रिया 

किसान आईडी बनवाने के लिए ग्राम पंचायत मुख्यालयों पर तीन दिवसीय शिविरों का कार्यक्रम जिला कलक्टर द्वारा निर्धारित किया गया है जिसकी जानकारी ग्राम पंचायत कार्यालय, तहसील कार्यालय से प्राप्त की जा सकती है. इसके लिए एक पोर्टल भी बनाया गया है. इस पोर्टल WWW.Rjfrc.Rajasthan.gov.in से आप अपने शिविर की तिथियों व स्थान की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं. शिविरों में किसान को रजिस्ट्रेशन होने पर एक एनरोलमेंट स्लिप दी जाएगी. जिसके 24 घंटे के अंदर किसान के मोबाइल नंबर पर फार्मर रजिस्ट्री मैसेज के माध्यम से प्राप्त हो सकेगी.

किसान को मिलेगी 11 अंकों की एक विशिष्ट पहचान

किसान रजिस्ट्री, एग्रीस्टैक परियोजना के तहत कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय भारत सरकार की एक पहल है. कृषक विवरण, उसके द्वारा धारित कृषि भूमि का विवरण, प्रत्येक कृषि भूखण्ड के जीपीएस निर्देशांक, उस पर बोई गई फसलों का विवरण आदि को डिजिटल रूप में संकलित किया जाकर, प्रदेश के प्रत्येक किसान को 'आधार' आधारित एक 11 अंकों की एक यूनिक आईडी (विशिष्ट किसान आईडी) आवंटित की जाएगी, जिससे किसान डिजिटल रूप से अपनी पहचान प्रमाणित कर सकेंगे.

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प्रत्येक किसान को विशिष्ट फार्मर आईडी 11 अंकों की प्रदान की जायेगी. किसानों द्वारा आईडी बनवाने के लिये आधार कार्ड, जमाबंदी, मोबाईल नम्बर की जरूरत होगी.

किसान आईडी डिजिटली सत्यापन योग्य पहचान है, जिसे www.rjfr.agristack.gov.in पोर्टल पर जाकर प्राप्त कर सकते है. फार्मर आईडी जनरेट होने के बाद भूमि संशोधन (खसरा जोड़ने या हटाने) के लिए पटवारी, भू-अभि. निरीक्षक या तहसीलदार से सम्पर्क किया जा सकता है.

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इस हेतु मोबाइल एप/वेबसाइट द्वारा प्रदेश के समस्त कृषकों के स्वामित्व वाले सभी खसरों को सम्मिलित करते हुए कृषक के 'आधार' से लिंक कराया जाएगा, तत्पश्चात कृषक से ऑनलाइन सहमति प्राप्त करते हए ई-हस्ताक्षर की कार्यवाही सुनिश्चित की जायेगी.

कितना जरूरी है किसान रजिस्ट्री

भविष्य में प्रधानमंत्री/मुख्यमंत्री किसान सम्मान निधि, कृषि विभाग की योजनाओं का लाभ प्राप्त करने के लिए फार्मर आईडी आवश्यक है. राज्य एवं भारत सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ सीधे पात्र किसानों को प्रदान करने के लिए फार्मर आईडी आवश्यक होगी. भविष्य में नामांतरणकरण एवं क्रय पंजीयन की प्रक्रिया में भी फार्मर आईडी आवश्यक होगी.

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किसान रजिस्ट्री से किसानों को लाभ

किसान आईडी (बिना अतिरिक्त दस्तावेज) के माध्यम से सरकारी योजनाओं एवं सेवाओं तक पहुंच आसान हो सकेगी. पात्र किसान का प्रधानमंत्री-किसान/मुख्यमंत्री-किसान सम्मान निधि योजना, अन्य योजनाओं में स्वतः जुड़ना सम्भव होगा. किसानों से फसलों की न्यूनतम समर्थन मूल्यों एवं अन्य योजनाओं में त्वरित (बिना किसी अतिरिक्त दस्तावेज के) खरीद संभव हो सकेगी. किसान की फसल के अनुसार डिजिटल तरीके से फसलों का बीमा संभव होगा.

इसके अतिरिक्ति किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड द्वारा ऋण आसानी एवं शीघ्रता से मिल सकेगा. किसानों को फसलों के लिए सेवाओं और बाजारों का व्यापक विकल्प मिल सकेगा. किसान अपनी फसलों, मृदा की स्थिति और कृषि-जलवायु परिस्थितियों के अनुसार परामर्श सेवाएं प्राप्त कर सकेंगे . साथ ही, सरकारी योजनाओं में लाभों का समान वितरण सुनिश्चित हो सकेगा, साथ ही लाभ से वंचित पात्र किसानों की पहचान संभव होगी.

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