Arvind Singh Mewar Funeral: क्या है मेवाड़ राजघराने का 'महासतिया', जहां आज होगा अरविंद सिंह मेवाड़ का अंतिम संस्कार

Rajasthan News: मेवाड़ के पूर्व राजपरिवार के सदस्य अरविंद सिंह मेवाड़ का अंतिम संस्कार आज यानी 17 मार्च को उदयपुर स्थित महासतिया में किया जाएगा.

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उदयपुर स्थित महासतिया

Shree Maha Satiya Ji Udaipur: उदयपुर के मेवाड़ राजघराने के लिए कल यानी रविवार का दिन दुखों के काले बादल लेकर आया. झीलों की नगरी को हेरिटेज सिटी बनाने की दिशा में ले जाने वाले पूर्व राजघराने के सदस्य अरविंद सिंह मेवाड़ (81) का कल यानी रविवार को निधन हो गया. लंबी बीमारी के चलते उनका लंबे समय से सिटी पैलेस स्थित शंभू निवास में इलाज चल रहा था. अब उनके निधन के बाद आज यानी 17 मार्च को महासतिया में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा. इससे पहले अरविंद सिंह मेवाड़ के बड़े भाई महेंद्र सिंह मेवाड़ का अंतिम संस्कार वहीं किया गया था.

क्या है महासतिया  

मेवाड़ राजपरिवार का महासतिया उदयपुर में स्थित एक ऐतिहासिक और पवित्र स्थान है, जहां मेवाड़ राजपरिवार के सदस्यों का पारंपरिक रीति-रिवाजों के अनुसार अंतिम संस्कार किया जाता है. "महासतिया" शब्द संस्कृत के शब्दों "महा" (महान) और "सती" (श्मशान भूमि या श्मशान भूमि) से लिया गया है, जिसका अर्थ है "महान श्मशान भूमि". यह उदयपुर के आयड़ क्षेत्र में गंगू कुंड के पास है. 

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शाही सदस्यों की याद में बनाई गई हैं स्मारक छतरियां

इस स्थल पर संगमरमर और पत्थर से बनी कई छतरियां (स्मारक छतरियां) हैं. ये छतरियां उन शाही सदस्यों की याद में बनाई गई हैं जिनका यहां अंतिम संस्कार किया गया था. इनमें की गई जटिल नक्काशी और वास्तुकला मेवाड़ की समृद्ध विरासत को दर्शाती है.

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प्राकृतिक सौंदर्य 

महासतिया आयड़ नदी के किनारे स्थित है, और चारों ओर हरियाली और पहाड़ियों से घिरा हुआ है. यह शांत वातावरण इसे एक सम्मानजनक और पवित्र स्थान बनाता है.

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कैसे किया जाता है शाही परिवार के सदस्यों का अंतिम संस्कार ?

जब किसी भी शाही परिवार का देवगमन हो जाता है तो उन्हें अंतिम संस्कार से पहले गंगाजल से स्नान कराया जाता है फिर भगवा वस्त्र पहनाए जाते हैय इसके बाद कुछ आभूषण, ढाल, तलवारें भेंट की जाती है. साथ ही राजमहलों और सरकारी विभागों पर ताले लगा दिए गए और चाबियां जमा कर ली गईं.

अछूताई की शुरू हो जाती है रस्में

इसके बाद अंतिम सरकार के बाद चार से पांच दरबारियों का एक दल महासतिया पहुंचता है और दिवंगत महाराणा के दाह संस्कार और पालकी उतारने के लिए जगह का चयन करता है.इसके बाद चयनित स्थल को गोमूत्र, गोबर और लाल मिट्टी से लीपकर साफ और पवित्र किया जाता है. इस काम को अछूताई (भूमि शुद्धिकरण) कहा जाता था. इस काम के लिए करमसी नागदा के वंशजों को नियुक्त किया गया था. उसके बाद मुखाग्नि दी जाती है जो आमतौर पर परिवार के सबसे करीबी पुरुष सदस्य के जरिए दी जाती है. अंतिम संस्कार के बाद, उस स्थान पर एक स्मृति चिह्न या छतरी बनाई जा सकती है, जो मृतक की स्मृति को संजोती है.

महासतिया में होगा अरविंद सिंह मेवाड़ का अंतिम संस्कार

मेवाड़ के पूर्व राजपरिवार के सदस्य अरविंद सिंह मेवाड़ के कल यानि 16 मार्च को निधन के बाद उनका अंतिम संस्कार आज यानि 17 मार्च को महासतिया में राजसी परंपराओं के अनुसार किया जाएगा. उनकी अंतिम यात्रा सुबह 11 बजे शंभू निवास (सिटी पैलेस) से शुरू होगी, जो बड़ी पोल, जगदीश चौक, घंटाघर, बड़ा बाजार और दिल्ली गेट जैसे प्रमुख मार्गों से होते हुए महासतिया पहुंचेगी। यहां उनका अंतिम संस्कार पूरे शाही सम्मान के साथ किया जाएगा, जिसमें परिवार, राजसी परंपराओं से जुड़े लोग और स्थानीय लोग शामिल होंगे.

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