Analysis: वसुंधरा राजे की चुनाव प्रचार से दूरी के सियासी मायने क्या हैं, क्या सीएम भजनलाल शर्मा को मिल रहा फायदा?

वसुंधरा राजे का प्रचार प्रसार से दूर रहना काफी अहमियत रखता है. वहीं कुछ राजनीतिक जानकारों का मानना है कि वसुंधरा राजे का प्रचार से दूर रहना भजनलाल की कुर्सी के लिए खतरा है.

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वसुंधरा चुनाव प्रचार से नदारद भजनलाल झोंक रहे ताकत

Rajasthan Politics: राजस्थान में लोकसभा चनाव 2024 को लेकर जहां बीजेपी के दिग्गज नेता पूरी ताकत झोंक रहे हैं. वहीं राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी की दिग्गज नेता वसुंधरा राजे प्रचार प्रसार से दूरी बनाए हुए हैं. हालांकि, वसुंधरा राजे झालावाड़ में डेरा डाले हुए है. लेकिन राजस्थान के अन्य लोकसभा सीटों पर वह अब तक प्रचार प्रसार में नहीं दिखी. लिहाजा चुनाव प्रचार प्रसार से उनकी दूरी क्यों है यह सवाल उठना लाजमी है. आपको बता दें झालावाड़-बारां लोकसभा सीट से वसुंधरा राजे के बेटे दुष्यंत सिंह मैदान में हैं. वसुंधरा बेटे के लिए लगातार कैंपेन कर रही हैं.

वसुंधरा राजे का प्रचार प्रसार से दूर रहना काफी अहमियत रखता है. वहीं कुछ राजनीतिक जानकारों का मानना है कि वसुंधरा राजे का प्रचार से दूर रहना सीएम भजनलाल शर्मा के लिए फायदेमंद है. हालांकि, यह भी कहा जा रहा है कि अगर राजस्थान में बीजेपी मिशन 25 का हैट्रिक नहीं लगाती तो भजनलाल की कुर्सी खतरे में पड़ सकती है.

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वसुंधरा राजे कर रही दबाव की राजनीति

बताया जा रहा है कि वसुंधरा राजे इन दिनों दबाव की राजनीति कर रही है. हालांकि, वह खुलकर इस पर काम नहीं कर पा रही हैं. जानकारों की माने तो उनका कहना है कि बीजेपी का इस बार 25 सीटों पर जीत पाना मुश्किल है. क्योंकि कांग्रेस ने इस बार गठबंधन का दांव चला है. इसके अलावे भी कई सीट फंसी हुई है. अगर भजनलाल सफल नहीं होते हैं तो वसुंधरा राजे को इसका फायदा मिल सकता है.

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भजनलाल शर्मा का बढ़ रहा कद

वसुंधरा राजे का लोकसभा चुनाव में सीधे नहीं जुड़ना काफी मायने रखता है. वहीं लोकसभा चुनाव प्रचार में सीएम भजनलाल शर्मा लगातार अलग-अलग सीटों पर दौरा कर रहे हैं. वह अपनी पूरी ताकत झोंक रहे हैं जिससे कि बीजेपी को सभी 25 सीटों पर जीत मिल सके. ऐसे में भजनलाल शर्मा का कद भी बढ़ रहा है. अगर बीजेपी राजस्थान में जीत की हैट्रिक लगाती है तो इससे भजनलाल शर्मा का कद वसुंधरा राजे से ज्यादा हो सकता है. 

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वसुंधरा राजे की नाराजगी नहीं हुई दूर

वसुंधरा राजे का नाम स्टार प्रचारकों में शामिल किया गया था. लेकिन इसके बावजूद वह झालावाड़ सीट छोड़कर कहीं भी कैंपेन नहीं कर रही है. ऐसे में इसे साफ तौर पर नाराजगी के तौर पर देखा जा रहा है. पीएम मोदी ने राजस्थान में अब तक 5 चुनावी सभा कर चुके हैं लेकिन किसी भी भी वसुंधरा राजे नजर नहीं आईं. हालांकि, 6 अप्रैल को बीजेपी की स्थापना दिवस पर वह दिल्ली हेडक्वॉटर में जरूर नजर आईं.

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