दौसा के सचिन के परिवार की भजनलाल सरकार कब लेगी सुध, डॉक्टरों की लापरवाही ने उजाड़ दी जिंदगी

दौसा के सचिन की मौत एसएमएस अस्पताल के डॉक्टर की लापरवाही से हुई. सचिन परिवार में इकलौता कमाने वाला था. अब उनकी जिंदगी उजड़ गई है.

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Rajasthan News: राजस्थान के दौसा जिले का सचिन कुमार शर्मा अपने माता पिता का इकलौता बेटा था जो कोटपुतली में FCL कंपनी में अपने पिताजी की जगह काम करता था. जहां एक्सीडेंट होने के कारण उसे तुरंत जयपुर एसएमएस अस्पताल में भर्ती करवाया गया. लेकिन सचिन शर्मा को गलत खून चढ़ाने की वजह से उसकी मौत हो गई. उसकी मौत 23 फरवरी 2024 को हुई थी लेकिन उसके मौत की सुध न ही सरकार ने ली और न ही किसी सरकार मिशनरी ने. जबकि सचिन अपने पिता की जगह नौकरी कर रहा था क्योंकि उसके पिता की किडनी खराब हो गई थी.

पिताजी की किडनी खराब होने के कारण पूरे परिवार जिम्मेदारी सचिन के ऊपर ही थी. सचिन के परिवार में पिता मां और एक बहन है अभी बहन की शादी भी नही हुई. अब उनका परिवार इस आश में है कि सरकार उनके लिए कुछ करे.

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सचिन के साथ डॉक्टरों ने की थी लापरवाही

दरअसल, सचिन का जब एक्सीडेंट हुआ तो उसका खून ज्यादा बह गया था. क्योंकि उसके पैर का ऑपरेशन हुआ था. इलाज के लिए जब उसे एसएमएस अस्पताल लाया गया तो डॉक्टर ने खून का इंतजाम करने को कहा. वहीं, डॉक्टर ने पर्ची दी और ब्लड बैंक से खून लाने को कहा तो परिजन खून लेकर आए. उस खून को सचिन को चढ़ा दिया गया. लेकिन उसकी तबीयत बिगड़ गई. बाद में पता चला कि सचिन को गलत ब्लड ग्रुप का खून चढ़ा दिया गया है. ऐसे में डॉक्टर द्वारा गलत ब्लड ग्रुप की पर्ची देने की लापरवाही से सचिन की दोनों किडनी खराब हो गई और 23 फरवरी को सुबह 7 बजे उसकी मौत हो गई.

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सचिन की मौत के बाद काफी हंगामा हुआ लेकिन इस मामले में ज्यादा कुछ निकल कर सामने नहीं आया. सबसे बड़ी बात यह है कि जहां राजस्थान के सबसे बड़े अस्पताल में गलत खून चढ़ाने की वजह से सचिन की मौत हुई उसके बाद वहां दोषी लोगों पर कार्रवाई काम खत्म कर लिया. लेकिन सचिन के परिवार का अब क्या होगा इसके बारे में किसी ने नहीं सोचा.

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ग्रामीणों की मदद से हुआ सचिन का अंतिम संस्कार

जब अंतिम संस्कार के लिए सचिन शर्मा की डेड बॉडी को उसके गांव एंबुलेंस द्वारा लाया गया तो सचिन शर्मा के परिवार के पास एंबुलेंस को देने तक का किराया नहीं था. बताया तो यह भी जा रहा है कि सचिन शर्मा के अंतिम संस्कार के लिए ग्रामीणों ने मदद की तो सचिन का अंतिम संस्कार हुआ.

अब सचिन के परिवार वाले सरकार की ओर राह ताक रहे हैं कि उनका सहारा अब कौन बनेगा. कुछ लोग सचिन के परिवार की मदद कर रहे हैं लेकिन इससे उनके गुजारे के लिए यह पर्याप्त नहीं है. वहीं, सचिन की मौत के बाद क्षेत्र के विधायक परिवार से मिलने तक नहीं आए. राजस्थान सरकार खुद को संवेदनशील बताती है लेकिन सचिन के परिवार के साथ जो हुआ उसकी भरपाई नहीं हो सकती. लेकिन उस परिवार की आर्थिक तंगी दूर करने के लिए सरकार जरूर कदम उठा सकती है. 

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