कौन हैं IAS अधिकारी नेहा बयाडवाल? जिन्होंने UPSC की तैयारी के दौरान 3 साल नहीं चलाया मोबाइल फ़ोन 

तीन असफलताओं के बाद, उसने कथित तौर पर अपना मोबाइल फोन छोड़ने और खुद को पढ़ाई में झोंकने का फैसला किया. नेहा बताती हैं कि दिन में 17-18 घंटे पढ़ाई की और तीन साल तक अपने फोन का इस्तेमाल नहीं किया.

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तीन अटेम्प्ट में फेल होने के बाद नेहा ने मोबाइल फोन छोड़ने और खुद को पढ़ाई में झोंकने का फैसला किया.

IAS Neha Byadwal: पहले दो प्रयासों में वह प्रारंभिक परीक्षा में असफल रही. तीसरे प्रयास में उसने मुख्य परीक्षा दी, लेकिन फिर भी असफल रहीं. चौथे प्रयास में उन्होंने अखिल भारतीय रैंक (AIR) 569 के साथ संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) पास कर लिया. यह हैं नेहा बयाडवाल है, जो गुजरात में तैनात 25 वर्षीय IAS अधिकारी है. यह कोई मामूली उपलब्धि नहीं है, उन्होंने कड़ी मेहनत, समर्पण और अपने मोबाइल फोन से तीन साल लंबे 'ब्रेकअप' के साथ यह उपलब्धि हासिल की.

नेहा बयाडवाल का जन्म राजस्थान में हुआ. जीवन में उनकी पहली असफलता तब आई जब वह कक्षा 5 में फेल हो गई, लेकिन वह परिणाम से परेशान नहीं हुईं. वह सीखने और चुनौतियों से पार पाने के लिए प्रेरित थीं.

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एक साक्षात्कार में नेहा ने कहा कि वह अपने पिता के साथ भोपाल चली गई और जिस स्कूल में उसने दाखिला लिया वह एक अंग्रेजी बोलने वाला स्कूल था, जहां वे "हिंदी में बात करने पर जुर्माना लगाते थे."

नेहा के पिता एक सिविल सेवक हैं. एक वरिष्ठ आयकर अधिकारी की बेटी नेहा ने अपने पिता के नक्शेकदम पर चलते हुए सिविल सेवा परीक्षा देने का फैसला किया. लेकिन यहां भी उसे लगातार असफलताओं का सामना करना पड़ा है.

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तीन बार असफल होने के बाद छोड़ा मोबाइल 

तीन असफलताओं के बाद, उन्होंने अपना मोबाइल फोन छोड़ने और खुद को पढ़ाई में झोंकने का फैसला किया. नेहा बताती हैं कि दिन में 17-18 घंटे पढ़ाई की और तीन साल तक अपने फोन का इस्तेमाल नहीं किया. यह फैसला तब रंग लाया जब 25 साल की उम्र में उसने अपना सपना पूरा किया और कुल 960 अंक हासिल करके आईएएस अधिकारी बन गई.

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