Rajasthan News: विधायक रविंद्र सिंह भाटी की ही तरह पवन सिंह ने भी लोकसभा चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार के तौर ताल ठोक रखी है. रविंद्र सिंह भाटी बाड़मेर-जैसलमेर से मैदान में हैं. पवन सिंह काराकाट लोकसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार हैं. रविंद्र भाटी ने बाड़मेर-जैसलमेर में तो पवन सिंह ने मुकाबला त्रिकोणीय बना दिया है.
भाजपा को चिंता में डाला
रविंद्र सिंह भाटी और पवन सिंह दोनों ने लोकसभा चुनाव में प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवारों को चिंता में डाल दिया है. भाटी की वजह से बाड़मेर-जैसलमेर में और पवन सिंह की वजह से काराकाट में मुकाबला त्रिकाणीय हो गया है. भाजपा के उम्मीदवार को अधिक नुकसान होने डर सता रहा है. पवन सिंह को भाजपा ने आसनसोल से टिकट दिया था. पवन सिंह ने आसनसोल से लड़ने से इंकार कर दिया था. इसके बाद पवन सिंह काराकाट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतर गए.
भाटी और पवन सिंह के सामने मजबूत प्रतिद्वंद्वी
रविंद्र सिंह भाटी के सामने बाड़मेर-जैसलमेर से केंद्रीय राज्यमंत्री कैलश चौधरी और कांग्रेस उम्मीदवार उम्मेदाराम बेनीवाल हैं. बिहार की काराकाट लोकसभा सीट पर पवन सिंह की टक्कर एनडीएक समर्थित राष्ट्रीय लोक मोर्चा उम्मीदवार उपेंद्र कुशवाहा से है. महागठबंधन समर्थित कॉम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) के उम्मीदवार राजा राम सिंह हैं.
दोनों का युवाओं में काफी क्रेज
रविंद्र सिंह भाटी और पवन सिंह का युवाओं में काफी क्रेज है. रविंद्र सिंह भाटी छात्र राजनीति से आगे बढ़ तो पवन सिंह भोजपुरी के गाने और एक्टिंग से राजनीति में आए. भाटी की ही तरह पवन सिंह के भी हर सभा में काफी भीड़ उमड़ रही है. दोनों के नामांकन सभा के दौरान समर्थक बड़ी संख्या में जुटे थे. दोनों में युवाओं की संख्या सबसे अधिक रही.
दोनों पर बीजेपी की B टीम होने का आरोप
रविंद्र सिंह भाटी और पवन सिंह दोनों पर बीजेपी की B टीम होने का आरोप है. दोनों ने निर्दलीय चुनाव लड़ने से पहले भाजपा से टिकट मांगा था. जब भाजपा ने टिकट नहीं दिया तो निर्दलीय चुनाव लड़ गए. रविंद्र भाटी और पवन सिंह की सोशल मीडिया पर खास पहचान है.
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