Rajasthan Election 2023: कौन हैं राजेंद्र सिंह राठौड़ के 'हनुमान' जिस पर BJP ने दूसरी बार जताया भरोसा?

राजेंद्र राठौड़ के परछाई की तरह साथ रहने वाले हरलाल सहारण को राजेंद्र राठौड़ अपना हनुमान बताते हैं. वहीं हरलाल सहारण भी राजेंद्र राठौड़ को अपना बड़े भाई की तरह मानते हैं. इन दोनों नेताओं की दोस्ती पूरे जिले में प्रसिद्ध है.

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Rajasthan News: इस बार राजस्थान विधानसभा का रण बहुत भीषण होने वाला है. जहां एक और कांग्रेस सत्ता बचाने के लिए चुनावी मैदान में है, तो वहीं भाजपा चुनावी समर को फतह कर सत्ता में वापसी करना चाहती है. इसी रणनीति के चलते राजस्थान के चुनावी कुरुक्षेत्र में भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दल अपने-अपने योधाओं को उतर रही है.

बात अगर चूरू की करें तो इस बार भाजपा ने कमल खिलाने का दायित्व राजेंद्र सिंह राठौड़ के 'हनुमान' कहे जाने वाले जिला अध्यक्ष हरलाल सहारण को दिया है. इससे पहले इस सीट पर लगातार भाजपा के दिग्गज नेता और प्रमुख रणनीतिकार राजेंद्र राठौड़ चुनाव लड़कर जीते आए हैं, लेकिन इस बार राजेंद्र राठौड़ के खासम खास हरलाल सहारण चूरू की सीट पर चुनाव लड़ते हुए दिखाई देंगे.

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2008 में भी दिया गया था टिकट

राजेंद्र राठौड़ के परछाई की तरह साथ रहने वाले हरलाल सहारण को राजेंद्र राठौड़ अपना हनुमान बताते हैं. वहीं हरलाल सहारण भी राजेंद्र राठौड़ को अपना बड़े भाई की तरह मानते हैं. इन दोनों नेताओं की दोस्ती पूरे जिले में प्रसिद्ध है. राजेंद्र राठौड़ तो यहां तक कहते हैं कि हरलाल सहारण की बैसाखियों पर चलकर आज में नेता प्रतिपक्ष हूं. राजेंद्र राठौड़ चूरू से पहली बार 1990 में विधायक बने. इसके बाद राजेंद्र राठौड़ ने यहां पर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. हालांकि 2008 में चूरू सीट छोड़कर राठौड़ तारानगर चले गए. इस दौरान राठौड़ ने इस सीट पर अपने सबसे करीबी हरलाल सहारण को मैदान में उतारा, लेकिन सहारण को सफलता नहीं मिली. इस बार राठौड़ फिर से हरलाल सहारण को जीतने के लिए जोर आजमाइश करते हुए दिखाई देंगे.

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चूरू के रह चुके हैं जिला प्रमुख

हरलाल सहारण चूरू के निकटवर्ती गांव खांसोली के रहने वाले हैं. सहारण के राजनीतिक करियर की बात करें तो सहारण चूरू के प्रधान और जिला प्रमुख रह चुके हैं. वर्तमान में हरलाल सहारण भारतीय जनता पार्टी चूरू के जिला अध्यक्ष हैं. हरलाल सहारण ने 2008 में चूरू से विधानसभा चुनाव भाजपा की टिकट पर लड़ा था, लेकिन मकबूल मंडेला के सामने उन्हें हार का सामना करना पड़ा. इस बार फिर से हरलाल सहारण चूरू से जोर आजमाइश करते हुए दिखाई देंगे.

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बीजेपी का गढ़ है चुरू विधानसभा

चूरू विधानसभा सीट भारतीय जनता पार्टी के सबसे मजबूत गढ़ों में से एक मानी जाती है. इस सीट से राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ लगातार जीत दर्ज कर रहे हैं. हालांकि, 2008 के विधानसभा चुनाव में राठौड़ को तारानगर शिफ्ट कर दिया गया था. वहां भी राठौड़ चुनाव जीत भी गए थे. चूरू में भाजपा के हरलाल को हार सामना करना पड़ा था. वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में यहां कुल मिलाकर 232011 मतदाता थे, जिन्होंने भाजपा के प्रत्याशी राजेंद्र राठौड़ को 87233 वोट देकर जिताया था. उधर, कांग्रेस उम्मीदवार रफीक मंडेलिया को 85383 वोट हासिल हो सके थे, और वह 1850 वोटों से हार गए थे.