जैसलमेर में हुए बस हादसे में मरनेवालों की संख्या बढ़कर 22 हो गई. मंगलवार 14 अक्टूबर को हुए हादसे के दो दिन बाद एक और महिला यात्री की इलाज के दौरान मौत हो गई. भागा देवी नाम की महिला यात्री ने आज जोधपुर के महात्मा गांधी हॉस्पिटल में दम तोड़ दिया. हॉस्पिटल में अभी भी गंभीर रूप से घायल कई लोग भर्ती हैं. इनमें 4 मरीज वेंटिलेटर पर हैं और मौत से लड़ रहे हैं.
जैसलमेर के एसपी ने गठित की SIT
इस बीच जैसलमेर बस हादसे के कारणों की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (SIT) का गठन कर दिया गया है. जैसलमेर के पुलिस अधीक्षक अभिषेक शिवहरे ने SIT का गठन किया है जो पूरे हादसे की बारीकी से जांच करेगी. एसपी अभिषेक शिवहरे ने एडिशनल एसपी कैलाशदान जुगतावत के नेतृत्व में SIT का गठन किया है. विशेष टीम में सीओ सिटी रूप सिंह इंदा, सीआई रैंक के अधिकारी सहित कुल 6 से 7 लोग शामिल हैं.
नई बस की सुरक्षा को लेकर सवाल
इस मामले में बस के मालिक और ड्राइवर पर केस दर्ज कर लिया गया है. हादसे में मारे गए एक स्थानीय पत्रकार राजेंद्र चौहान के भाई ने जैसलमेर सदर थाने में FIR दर्ज कराई है.
जैसलमेर से जोधपुर जा रही जिस बस में दुर्घटना हुई वह एक प्राइवेट स्लीपर एसी बस थी. यह बस बिलकुल नई थी और उसने इसी महीने इस रूट पर सर्विस शुरू की थी. लेकिन अब पता चल रहा है कि यह एक मॉडिफाइड बस थी जिसका रजिस्ट्रेशन नॉन एसी बस के तौर पर करवाया गया था. बाद में बस मालिक ने नियमों के खिलाफ जाकर बस को एसी बस बना दिया.
अब SIT पूरे मामले की जांच करेगी लेकिन मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा के आदेश पर चित्तौड़गढ़ के डीटीओ सुरेंद्र सिंह गहलोत और सहायक प्रशानिक अधिकारी चुन्नी लाल को निलंबित कर दिया है.
आग लगने का निश्चित कारण स्पष्ट नहीं
बस हादसे की वजह के बारे में अभी तक निश्चित जानकारी नहीं मिल पाई है और कहा जा रहा है कि जांच के बाद ही यह स्पष्ट हो सकेगा. लेकिन इसके पीछे फिलहाल 3 बातें कही जा रही हैं. चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने कहा है कि संभवतः बस में लगे सेंट्रल एसी के कंप्रेसर में विस्फोट हुआ जिससे इतनी भयानक आग लगी. दूसरी बात यह भी कही जा रही है कि शायद शॉर्ट सर्किट की वजह से आग लगी. साथ ही, यह भी कहा जा रहा है कि बस के सामान रखने के कक्ष में शायद पटाखे रखे हुए थे जिनसे आग भड़की.
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