Rajasthan By Election 2024: प्रदेश की सात सीटों पर उपचुनाव होने जा रहे हैं. 13 नवंबर को मतदान होगा और 23 नवंबर को उपचुनाव के नतीजे आएंगे. सभी राजनीतिक दलों ने चुनाव में अपनी पूरी ताकत झोंक रखी है. इस बार सभी 7 सीटों पर स्थानीय मुद्दे हावी नजर आते हैं. उपचुनाव में कांग्रेस ने किसी भी दल के साथ गठबंधन नहीं किया है और सभी सातों सीटों पर अकेले चुनाव लड़ रही है. इस रणनीति के साथ कांग्रेस खींवसर, चौरासी और सलूंबर जैसी सीटों पर अपनी राजनीतिक जमीन तलाश रही है.
हनुमान बेनीवाल से बैर लेना कोई नहीं चाहता !
खींवसर सीट पर पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने रणनीति के तहत रतन चौधरी को मैदान में उतारा है. लंबे समय से इस सीट पर हनुमान बेनीवाल का कब्जा रहा है. इस बार कांग्रेस गठबंधन न करके यहां अकेले चुनाव लड़ रही है. भले ही डोटासरा ने इस सीट को लेकर रणनीति बनाई हो लेकिन नागौर जिले के कांग्रेस विधायक और पूर्व विधायकों ने खींवसर सीट से अभी दूरी बना रखी है. इसके पीछे आरएलपी सुप्रीमो हनुमान बेनीवाल को बताया जाता है. हनुमान बेनीवाल का नागौर जिले की सभी सीटों पर अच्छा प्रभाव माना जाट हैं, ऐसे में कांग्रेस नेता सीधे तौर पर हनुमान बेनीवाल से राजनीतिक बैर नहीं लेना चाहते.
हनुमान की पत्नी कनिका बेनीवाल मैदान में
खींवसर सीट पर हनुमान बेनीवाल ने अपनी पत्नी कनिका बेनीवाल को आरएलपी का प्रत्याशी बनाया है तो वहीं कांग्रेस ने रतन चौधरी को मैदान में उतारा है. रतन चौधरी के चुनावी प्रचार प्रसार में जिले के नेताओं ने दूरी बना रखी है. जिनमें लाडनूं विधायक मुकेश भाकर, पूर्व विधायक महेंद्र चौधरी, विधायक रामनिवास गावड़िया जैसे नेता शामिल हैं.
कांग्रेस नेताओं के खींवसर से ग़ायब होने की हर तरफ चर्चा
हालांकि पार्टी की ओर से इन नेताओं को चुनावी प्रचार प्रसार का जिम्मा संभालने की जिम्मेदारी दी गई है, इसके बावजूद भी खींवसर सीट पर कांग्रेस के प्रचार से इन नेताओं ने दूरी बना रखी है. इस बात की चर्चा राजनीतिक गलियारों में है. मतदान में महज अब 5 दिन बचे हैं. देखना होगा जिस तरह भाजपा नेताओं ने सभी सात सीटों पर पूरी तरीके से ताकत झोंक रखी है क्या खींवसर सीट पर भी नागौर जिले के कांग्रेसी नेता एक साथ चुनाव प्रचार में उतरेंगे या नहीं ?
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