जगदीप धनखड़ ने क्यों दिया उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा, राष्ट्रपति को कारण बताते हुए भेजा रेजिग्नेशन लेटर

धनखड़ ने 11 अगस्त 2022 को उपराष्ट्रपति पद की शपथ ली थी. वह देश के 14वें उपराष्ट्रपति के रूप में पद को संभाला था. वहीं उनका कार्यकाल अगस्त 2027 तक उपराष्ट्रपति के रूप में था.

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जगदीप घनखड़

Jagdeep Dhankhar: भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. उनका यह अचानक इस्तीफे के फैसले से देश के राजनीतिक महकमों और आम लोगों में चर्चा का विषय है. धनखड़ ने 11 अगस्त 2022 को उपराष्ट्रपति पद की शपथ ली थी. वह देश के 14वें उपराष्ट्रपति के रूप में पद को संभाला था. वहीं उनका कार्यकाल अगस्त 2027 तक उपराष्ट्रपति के रूप में था, लेकिन महज 3 साल में ही उन्होंने पद से इस्तीफा दे दिया है. जगदीप धनखड़ ने अपने इस्तीफे की चिट्ठी राष्ट्रपति को भेजी है. 

जगदीप धनखड़ ने अपने इस्तीफे वाले पत्र में लिखा, "स्वास्थ्य देखभाल को प्राथमिकता देने और चिकित्सा सलाह का पालन करने के लिए, मैं संविधान के अनुच्छेद 67 (ए) के अनुसार, तत्काल प्रभाव से भारत के उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा देता हूं."

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जगदीप धनखड़ के रेजिग्नेशन लेटर

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अपने इस्तीफे में लिखा, "स्वास्थ्य कारणों और चिकित्सकीय सलाह का पालन करते हुए मैं भारत के उपराष्ट्रपति पद से तत्काल प्रभाव से त्यागपत्र दे रहा हूं." पत्र में उन्होंने राष्ट्रपति को उनके सहयोग और सौहार्दपूर्ण संबंधों के लिए धन्यवाद दिया. साथ ही, उन्होंने प्रधानमंत्री और मंत्रिमंडल के सहयोग के लिए भी आभार व्यक्त किया.

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सबसे आश्चर्य की बात यह है कि यह इस्तीफा उस वक्त हुआ है, जब संसद का मानसून सत्र शुरू हुआ है. 

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कौन हैं जगदीप धनखड़

जगदीप धनखड़ का जन्म राजस्थान के झुंझुनूं जिले में एक छोटे से गांव में  18 मई 1951 को जाट परिवार में हुआ था. उनकी शुरुआती पढ़ाई किठाना गांव में ही हुई. जबकि  स्कूली शिक्षा सैनिक स्कूल, चित्तौड़गढ़ से पूरी की और फिर राजस्थान विश्वविद्यालय, जयपुर से स्नातक की उपाधि प्राप्त की. स्कूली शिक्षा के बाद जगदीप धनखड़ ने राजस्थान के महाराज कॉलेज जयपुर में ग्रेजुएशन की पढ़ाई की, यहां से उन्होंने फिजिक्स में BSE की डिग्री ली. साल 1978 में उन्होंने जयपुर विश्वविद्यालय में एलएलबी कोर्स में एडमिशन लिया. कानून की डिग्री लेने के बाद जगदीप धनखड़ ने वकालत शुरू कर दी और साल 1990 में उन्हें राजस्थान हाईकोर्ट में सीनियर एडवोकेट का पद हासिल किया. जगदीप धनखड़ ने सुप्रीम कोर्ट से लेकर देश के कई हाईकोर्टों में वकालत की प्रैक्टिस की.

30 साल से ज्यादा का राजनीतिक सफर

जगदीप धनखड़ का राजनीतिक करियर 30 साल से भी ज्यादा का रहा है. वहीं जगदीप धनखड़ 1989-91 के दौरान राजस्थान में झुंझुनू (लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र) से 9वीं लोकसभा में जनता दल का प्रतिनिधित्व करते हुए संसद सदस्य थे. वह 1993-98 के दौरान 10वीं विधान सभा राजस्थान में किशनगढ़, राजस्थान से विधान सभा के पूर्व सदस्य और राजस्थान उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन, जयपुर के पूर्व अध्यक्ष भी रहे.

जगदीप धनखड़ ने साल 2019 में पश्चिम बंगाल के गर्वनर के रूप में पद संभाला था. इसके बाद ही वह साल 2022 में भारत के उपराष्ट्रपति पद को संभाला था. पश्चिम बंगाल में गर्वनर के रूप में वह काफी चर्चाओं में रहे थे.

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