Ashok Gehlot: हार के बाद भी क्यों एक्टिव हैं अशोक गहलोत? इस सवाल का जवाब अब खुद पूर्व मुख्यमंत्री ने दिया 

अशोक गहलोत ने कहा, ''चाहे मैं सत्ता में रहा या नहीं रहा, यह मेरी फितरत के अंदर, जनता की सेवा करना, उनकी समस्या सुनना, हर प्रयास करना, यह मेरी फितरत के अंदर है, यह मेरी आदत में है.''

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राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत

Rajasthan: राजस्थान की राजनीति में एक सवाल इन दिनों सबसे ज्यादा चर्चा में है. चुनाव हारने और पार्टी में किसी बड़ी जिम्मेदारी के बगैर भी अचानक फिर से अशोक गहलोत इतने सक्रिय क्यों हो गए हैं? वो प्रदेश कांग्रेस में किसी बड़ी भूमिका में नहीं हैं, लेकिन फिर भी वो लगातार प्रदेश के दौरे कर रहे हैं, जनसभाओं को संबोधित कर रहे हैं, प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे हैं और सोशल मीडिया पर रोज सरकार की नीतियों पर प्रतिक्रिया दे रहे हैं.

राजस्थान में इन दिनों कांग्रेस की तरफ़ से सोशल मीडिया पर उनकी सक्रियता सबसे ज़्यादा है. रोज़ाना सोशल मीडिया पोस्ट के ज़रिए भजनलाल सरकार पर निशाना साधने की बात हो या लोगों से मुलाक़ात के वीडियो शेयर करने से बनी चर्चा हो, अशोक गहलोत ख़बरों में बने हुए हैं.

''मैं तो NSUI के टाइम से सक्रिय हूं''

इन तमाम सवालों के जवाब पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दिया है. बीकानेर में उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में गहलोत कहा कि देखिये भाई साहब बात सुन लो आप पत्रकार लोग जानतें होंगे सीनियर लोग भी जानतें है, जब से मैंने राजनीति शुरू करी है NSUI से वह दिन आज दिन अभी मैं जो एक्टिव हूं न उसी दिन से हमेशा एक्टिव रहा हूं. ''

''मैं सत्ता में रहूं या नहीं रहूं हमेशा जनता से संपर्क रखा''

उन्होंने आगे कहा, ''चाहे मैं सत्ता में रहा या नहीं रहा, यह मेरी फितरत के अंदर है कि जनता की सेवा करना है. उनकी समस्या सुनना, हर प्रयास करना, यह मेरी फितरत के अंदर है, यह मेरी आदत में है. मैं सत्ता में रहूं या नहीं रहूं हमेशा मैंने जनता से संपर्क रखा है, इसलिए आज भी जयपुर में हर दिन घर पर 100-200 लोग आते हैं. तो इसलिये आते हैं क्योंकि उनको मालूम है कि मैं उनकी बात सुनूंगा, समझूंगा.''

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गहलोत ने कहा कि कोई बेचैनी नहीं हैं, कांग्रेस में क्यों बेचैनी होगी, प्रदेश कांग्रेस कमेटी हो या बीजेपी का हो वह बेचैन क्यों होंगे , बेचैन क्यों होंगे, उनको खुशी है, कि हमारे नेता लोग सब दौरा कर रहें हैं, इसमें क्या बात है.

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