Rajasthan Politics: राजस्थान BJP में बदलाव की चर्चा क्यों? भजनलाल, वसुंधरा के दिल्ली दौरे से कानाफूसी तेज, पढ़ें- इनसाइड स्टोरी

बीजेपी में अभी संगठनात्मक चुनाव की प्रक्रिया जारी है. ऐसा माना जा  रहा है कि 15 जनवरी तक पार्टी के प्रदेश अध्यक्षों के चुनाव हो जाएंगे.

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Rajasthan: राजस्थान में पिछले कुछ अरसे से भजनलाल शर्मा सरकार और प्रदेश बीजेपी में फेरबदल को लेकर कयासों का दौर जारी है. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा (CM Bhajanlal Sharma) और वसुंधरा राजे (VBasundhra Raje) के दिल्ली दौरों के मायने निकाले जा रहे हैं. दोनों नेताओं की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और अन्य केंद्रीय मंत्रियों तथा बीजेपी के वरिष्ठ पदाधिकारियों से मुलाकातों से भी अटकलों को बल मिला है. इसी बीच अब भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के राजस्थान जाने की चर्चा है. उन्हें दो दिन के दौरे पर गुरुवार दोपहर ही जयपुर पहुंचना था मगर आखिरी मौके पर ये दौरा टल गया है.

जेपी नड्डा के राजस्थान दौरे को काफी अहम समझा जा रहा था क्योंकि पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी को मिली शानदार जीत और भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में प्रदेश में बीजेपी सरकार की वापसी के बाद यह उनका पहला दौरा होगा. 

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बीजेपी में नेताओं की बदल सकती है भूमिका

फिलहाल इन हलचलों के बाद राजस्थान में सियासी चर्चा छिड़ गई है कि क्या राजस्थान में कोई बड़ा बदलाव होने वाला है? जानकारों का मानना है कि वर्तमान में प्रदेश सरकार के नेतृत्व या मंत्रिमंडल में बदलाव की संभावना कम है. वो राजस्थान में बीजेपी खेमे में जारी सक्रियता को प्रदेश में पार्टी स्तर पर बदलावों की आहट बता रहे हैं.

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बीजेपी में अभी संगठनात्मक चुनाव की प्रक्रिया जारी है. ऐसा माना जा  रहा है कि 15 जनवरी तक पार्टी के प्रदेश अध्यक्षों के चुनाव हो जाएंगे. इसके बाद 20 जनवरी या उसके बाद पार्टी अपने नए प्रदेश अध्यक्षों के नामों की घोषणा कर सकती है. 

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"मदन राठौड़ अभी राजस्थान बीजेपी के अध्यक्ष हैं. उन्हें सीपी जोशी के बाद 2022 में यह ज़िम्मेदारी दी गई थी. लेकिन वह पुरानी टीम के साथ काम कर रहे हैं."

वरिष्ठ पत्रकार राजेश कसेरा ने एनडीटीवी के साथ एक परिचर्चा में कहा,"मदन राठौड़ अभी राजस्थान बीजेपी के अध्यक्ष हैं. उन्हें सीपी जोशी के बाद 2022 में यह ज़िम्मेदारी दी गई थी. लेकिन वह पुरानी टीम के साथ काम कर रहे हैं. तो आने वाले दिनों में वह अपनी टीम को मज़बूत कर सकते हैं. जैसे,विधानसभा चुनाव हार जाने वाले बड़े नेता राजेंद्र राठौड़ और सतीश पूनिया जैसे वरिष्ठ नेताओं को महत्वपूर्ण ज़िम्मेदारी सौंपी जा सकती है."

राजनीतिक विश्लेषक एसपी मित्तल का भी मानना है कि मंत्रिमंडल विस्तार से पहले राजस्थान में बीजेपी सांगठनिक बदलाव करेगी. उन्होंने कहा,"बीजेपी में जनवरी में संगठन के चुनाव होंगे और उसके बाद फरवरी में बजट सत्र होगा. इसके बाद ही मंत्रिमंडल विस्तार की बात होने की संभावना है."

दोहरे पदों पर आसीन नेताओं पर नज़र

एसपी मित्तल साथ ही बताते हैं कि राजस्थान बीजेपी में कई नेताओं के पास दो पद हैं और पार्टी नेतृत्व का ध्यान इस बात पर भी होगा.

"ऐसे नेता जिनके पास दोहरी जिम्मेदारियां हैं उनमें कुछ नामों की छंटनी होगी और कुछ को प्रदेश संगठन में भूमिकाएं दी जाएंगी."

मित्तल ने कहा,"कई बीजेपी के नेता हैं जिनके पास दोहरे पद हैं. जैसे वरिष्ठ नेता सीआर चौधरी प्रदेश पार्टी उपाध्यक्ष भी हैं और किसान आयोग के अध्यक्ष भी हैं. ओमप्रकाश भडाणा पार्टी में महामंत्री भी हैं और देवनारायण बोर्ड के अध्यक्ष भी हैं. जितेंद्र खंडाल महामंत्री और विधायक दोनों हैं.

"इसी प्रकार भागीरथ चौधरी केंद्र सरकार में मंत्री भी हैं और किसान मोर्चा के अध्यक्ष भी हैं. तो ऐसे नेता जिनके पास दोहरी जिम्मेदारियां हैं उनमें कुछ नामों की छंटनी होगी और कुछ को प्रदेश संगठन में भूमिकाएं दी जाएंगी."

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