Rajasthan Politics: राजस्थान में मंत्री किरोड़ी लाल मीणा और भाजपा सरकार के बीच टकराव बढ़ता जा रहा है. यही वजह है केन्द्रीय नेतृत्व से मिले निर्देशों के बाद अब राजस्थान भाजपा उनके ख़िलाफ़ एक्शन लेने की तैयारी कर रही है. ताज़ा मामला भले ही अपनी ही सरकार पर फ़ोन टैपिंग और जासूसी के आरोपों की हो, लेकिन इसकी शुरुआत राजस्थान में भाजपा सरकार के गठन के साथ ही हो गई थी. राजस्थान में विधानसभा चुनाव के बाद से ही किरोड़ी लाल मीणा अपनी ही सरकार पर सवाल उठाते आए हैं.
मंत्रिमंडल में विभागों के बंटवारे से असंतोष जताया था
सबसे पहले उन्होंने मंत्रिमंडल में विभागों के बंटवारे से असंतोष जताया था. अब उन्होंने बजट सत्र के दौरान फोन टैपिंग के आरोप लगाकर सरकार को असहज स्थिति में ला दिया है. विपक्ष ने इस मुद्दे को सदन और सदन के बाहर जोर-शोर से उठाया. भाजपा आलाकमान ने पहली बार किरोड़ी मीणा को कारण बताओ नोटिस भेजा है, और उनसे जवाब मांगा गया है. मीणा ने कहा है कि नोटिस मिलने के बाद ही जवाब देंगे.
समर्थकों ने किरोड़ी लाल को डिप्टी सीएम की बनाने की मांग की थी
दरअसल, राजस्थान में भाजपा सरकार और मंत्री किरोड़ी लाल मीणा के बीच जारी टकराव अब अपने चरम पर पहुंचता नजर आ रहा है. विधानसभा चुनाव के बाद से ही किरोड़ी मीणा लगातार अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते रहे हैं. विधानसभा चुनाव के बाद किरोड़ी मीणा ने कैबिनेट में विभागों के बंटवारे को लेकर नाराजगी जताई थी. उनके समर्थकों ने तो यहां तक मांग कर दी थी कि उन्हें उपमुख्यमंत्री बनाया जाए.
किरोड़ी मंत्री पद से दे चुके इस्तीफा
लोकसभा चुनाव में भाजपा को राजस्थान में 7 सीटों पर हार की जिम्मेदारी लेते हुए उन्होंने मंत्री पद से इस्तीफा देने की पेशकश की. हालांकि, मुख्यमंत्री ने उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया, लेकिन इसके बावजूद वे लगातार कैबिनेट बैठकों से नदारद रहे. इसके बाद भी किरोड़ी मीणा ने सरकार की कार्यशैली को लेकर कई बार सार्वजनिक रूप से सवाल उठाए. विभिन्न मुद्दों पर पत्र लिखकर अपनी ही सरकार को कटघरे में खड़ा किया.
बीजेपी नेताओं पर छुरा घोंपने का आरोप लगाया
विधानसभा उपचुनाव में पार्टी ने उनकी सिफारिश पर उनके भाई जगमोहन मीणा को टिकट दिया. लेकिन, दौसा सीट पर हार के बाद किरोड़ी मीणा ने भाजपा नेताओं पर पीठ में छुरा घोंपने का आरोप लगाया. पिछले विधानसभा सत्र के दौरान भी वे पूरे सत्र से अनुपस्थित रहे, जिसे विपक्ष ने बड़ा मुद्दा बनाया था. अब बजट सत्र के दौरान सदन से अनुपस्थित रहकर उन्होंने अपनी ही सरकार पर फोन टैपिंग के आरोप लगाए, जिससे भाजपा सरकार सदन में बैकफुट पर आ गई. विपक्ष ने इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाया हंगामा किया.
किरोड़ी के बयान से बीजेपी सरकार की छवि धूमिल हुई
लंबे विरोध और बयान बाजी के बाद अब भाजपा आलाकमान ने पहली बार किरोड़ी मीणा को कारण बताओ नोटिस भेजा है और उनसे तीन दिन में जवाब मांगा है. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने कहा कि किरोड़ी मीणा के बयानों से भाजपा सरकार की छवि धूमिल हुई है और यह पार्टी अनुशासन के खिलाफ है.
मंत्री पद से हटाने जैसा निर्णय ले सकती है पार्टी
राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि भाजपा किरोड़ी मीणा के खिलाफ कोई बड़ा फैसला ले सकती है. इसमें उन्हें मंत्री पद से हटाने जैसा निर्णय भी लिया जा सकता है. हालांकि मीणा ने कहा है कि वे नोटिस मिलने के बाद ही जवाब देंगे. अब यह देखना बेहद दिलचस्प होगा कि भाजपा नेतृत्व इस विवाद को कैसे सुलझाता है और किरोड़ी मीणा नोटिस का क्या जवाब देते हैं.
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