Rajasthan News: राजस्थान विधानसभा में बजट सत्र की कार्यवाही 2 बजे तक स्थगित होने के बाद कांग्रेस विधायकों ने सदन के बाहर नारेबाजी की. उन्होंने सरकार पर बिना ठोस आधार के जिलों को समाप्त करने का आरोप लगाया. साथ ही कहा कि सरकार ने पहले से ही तय कर रखा था कि किन जिलों को खत्म करना है. इसीलिए मापदंड भी मनमाने तरीके से तय किए गए. कई स्थानों का तो दौरा भी नहीं किया गया.
'जनसंख्या के आंकड़े सामने रखें'
सदन के बाहर प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा, 'कांग्रेस विधायकों ने विधानसभा में जिलों के मुद्दे पर तथ्यों के साथ अपनी बात रखी, लेकिन सरकार के पास कोई स्पष्ट जवाब नहीं था. मैं सरकार से मांग करता हूं कि डीग-भरतपुर, अलवर-खेरथल और सांचौर-जालौर की दूरी का हिसाब दें. अगर जनसंख्या के आधार पर जिले बनाए और खत्म किए जा रहे हैं तो सलूंबर, नीमकाथाना और गंगापुर सिटी की जनसंख्या का आंकड़ा भी सामने रखा जाए.'
'सड़क से सदन तक विरोध करेगी कांग्रेस'
इस दौरान कांग्रेस विधायक रामकेश मीणा ने कहा, 'भाजपा सरकार के पास जिलों को खत्म करने का कोई ठोस आधार नहीं है. जब देशभर में नए जिले बनाए जा रहे हैं, तो राजस्थान में पहले घोषित जिलों को खत्म करने का क्या औचित्य है? ये जनता के साथ अन्याय है. कांग्रेस सड़क से सदन तक इस फैसले का विरोध करेगी.'
'स्पीकर से साथ चर्चा में बनाएंगे रणनीति'
टीकाराम जूली ने इसका समर्थन करने हुए कहा कि सरकार को जिलों को खत्म करने के पीछे की वजह तथ्यों के साथ बतानी चाहिए. कांग्रेस इस मुद्दे को मजबूती से उठाएगी और जनता भी सरकार के इस फैसले के खिलाफ है. उन्होंने संकेत दिया कि आगे की रणनीति सत्ता पक्ष और विधानसभा अध्यक्ष से चर्चा के बाद तय की जाएगी.
जवाहर सिंह बेढम ने दिया जवाबइस मुद्दे पर गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढ़म ने कहा कि विपक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं है. अपने राजनीतिक लाभ के लिए जिलों का गठन किया था. कांग्रेस के पास कोई आधार नहीं था लेवल लूट की दुकान चलाने के लिए ही जिले बनाए थे जनता ने उनको नकार दिया है. गौरतलब है कि राजस्थान भाजपा सरकार ने 2023 में कांग्रेस सरकार के बनाये गए 17 नए जिलों में से 9 जिलों और तीन संभाग को खत्म कर दिया.
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