सलूंबर विधानसभा उपचुनाव में BJP अपनाएगी 2021 वाला फॉर्मूला? टिकट के दावेदारों में इनका नाम सबसे आगे

Rajasthan By Election 2024: भारतीय जनता पार्टी के विधायक अमृत लाल मीणा के निधन के बाद सलूंबर विधानसभा सीट खाली है, जिसे भरने के लिए उपचुनाव कराए जा रहे हैं. यहां 13 नवंबर को वोटिंग होनी है, जिसके बाद 23 नवंबर को रिजल्ट जारी कर दिया जाएगा.

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Rajasthan News: राजस्थान विधानसभा की 7 सीटों पर उपचुनाव के लिए तारीखों का ऐलान हो चुका है. दो दिन बाद नामांकन प्रक्रिया शुरू होने वाली है. ऐसे में सभी पार्टियां जिताऊ उम्मीदवार के सिलेक्शन प्रोसेस में व्यस्त नजर आ रही हैं. टिकट किसे मिलेगा? इसका फैसला दिल्ली से होना है. मगर चर्चा है कि सलूंबर विधानसभा में टिकट बंटवारे के लिए बीजेपी 2021 वाला फॉर्मूला अपना सकती है. क्योंकि मेवाड़ में हमेशा से ही सहानुभूति लहर का ट्रेंड रहा है. अगर भाजपा इसी लहर के दम पर सलूंबर के चुनावी मैदान (Salumber Assembly By Election) में फिर उतरती है तो दिवंगत भाजपा विधायक अमृत लाल मीणा (Amritlal Meena) के परिवार से उनकी पत्नी शांता देवी, उनकी बेटी प्रियंका मीणा या बेटा अविनाश मीणा में से किसी एक को टिकट मिल सकता है.

2021 वाला फॉर्मूला क्या था?

वर्ष 2021 में उदयपुर संभाग की वल्लभनगर और राजसमंद विधानसभा सीट पर उपचुनाव हुआ था. उस वक्त कांग्रेस ने वल्लभनगर विधायक गजेंद्र सिंह के निधन के बाद खाली हुई सीट पर सहानुभूति वोट प्राप्त करने के लिए उनकी पत्नी प्रीति शक्तावत को टिकट दिया था. इसी तरह बीजेपी ने राजसमंद विधायक किरण माहेश्वरी के देहांत के बाद उनकी बेटी दीप्ति को टिकट दिया था. दोनों ही विधानसभा क्षेत्रों में इस फॉर्मूला का असर देखने को मिला था और प्रत्याशियों की भारी मतों से जीत हुई थी. हालांकि धरियावद में बीजेपी ने इस फॉर्मूले को नहीं अपनाया और विधायक गौतमलाल मीणा के निधन के बाद उनके बेटे कन्हैयालाल को टिकट नहीं दिया, जिस कारण वहां पार्टी को हार का मुंह देखना पड़ा था.

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सलूंबर में कौन-कौन दावेदार?

भाजपा के दिवंगत विधायक अमृत लाल मीणा की पत्नी शांता देवी अभी सेमारी से सरपंच हैं. ऐसे में वे प्रत्याशी बन सकती हैं. अगर उनके नाम पर कोई दिक्कत आई तो बेटे-बेटी में से किसी एक को टिकट दिया जा सकता है. वहीं दूसरी ओर, सलूंबर सीट से भाजपा के ही नरेंद्र मीणा, जया मीणा, दया मीणा, उमेश मीणा और सेमारी की पूर्व प्रधान सोनल मीणा भी उपचुनाव में टिकट के अपनी दावेदारी रख रहे हैं.

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बीएपी का बढ़ रहा वोट बैंक

आदिवासी अंचल में लगातार भारतीय आदिवासी पार्टी की पकड़ व वोट बैंक बढ़ता ही चला जा रहा है. सलूंबर में बीएपी की बढ़ती ताकत भी भाजपा के लिए चुनौती बन सकती है. यहां बीएपी का भी दबदबा बढ़ा है. विधानसभा चुनाव 2023 में बीएपी के जीतेश मीणा ने 51691 वोट प्राप्त कर तीसरे स्थान पर रहे. जबकि, 65395 वोट लेकर कांग्रेस के रघुवीर सिंह मीणा दूसरे नंबर पर रहे थे. हालांकि भाजपा के अमृत लाल मीणा को 80086 वोट मिले थे. उन्होंने 14691 वोट से जीत दर्ज थी.

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गठबंधन हुआ तो बिगड़ेगा गणित

इस उपचुनाव में अगर इंडिया गठबंधन चला और कांग्रेस-बीएपी में से किसी एक दल के ही उम्मीदवार ने चुनाव लड़ा तो 2013, 2018,  2023 के विधानसभा चुनाव में लगातार तीन जीत दर्ज करने वाली भाजपा का गणित बिगड़ सकता है. इस सीट से आखिरी बार कांग्रेस 2008 में जीती थी. तब कांग्रेस के रघुवीर सिंह को 65,140 वोट मिले. वे 23,353 मतों से जीते थे. लेकिन पिछले तीन चुनावों में कांग्रेस बड़े अंतर से हारी है. अब देखना ये होगा कि कांग्रेस क्या अभी भी पूर्व सांसद व सलूंबर से पूर्व विधायक रघुवीर सिंह मीणा को अपना चहरा बनाएगी? सलूंबर से पूर्व विधायक बसंती देवी मीणा और रेशमा मीणा भी कांग्रेस के टिकट के लिए दावेदारी कर चुकी हैं.

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