राजस्थान: अफसर की टिप्पणी से बढ़ा विवाद, विपक्ष ने सरकार से पूछा- क्या पार्टी देखकर किसानों को मिलेंगे बिजली के ट्रांसफॉर्मर?

AEN नितिन गुप्ता ने अपने ऊपर लगे आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि किसानों को कोई गलत बात नहीं कही गई.

विज्ञापन
Read Time: 4 mins
बानसूर में ट्रांसफॉर्मर की मांग को लेकर हुए किसानों के धरने ने अब राजनीति रंग ले लिया. (फाइल फोटो)

Rajasthan News: राजस्थान के कोटपूतली-बहरोड़ जिले की बानसूर तहसील के नारायणपुर क्षेत्र में सोमवार सुबह ट्रांसफॉर्मर बदलवाने की मांग को लेकर किसानों ने डिस्कॉम कार्यालय का गेट बंद कर धरना शुरू कर दिया. करीब 5 घंटे तक चले इस आंदोलन के दौरान बिजली विभाग के AEN नितिन गुप्ता की कथित टिप्पणी को लेकर माहौल तनावपूर्ण हो गया. किसानों का आरोप है कि अधिकारी ने उन्हें अब कांग्रेस का टाइम नहीं रहा है.

'पुलिस बुलाने की धमकी दी'

किसानों ने कहा कि वे किसी पार्टी से नहीं, बल्कि अपने हक के लिए खड़े हैं. उन्होंने कहा कि पिछले 10 महीनों से गड़ी पंचायत में ट्रांसफॉर्मर जले पड़े हैं, लेकिन बार-बार कहने के बावजूद विभाग ने उन्हें नहीं बदला. जब किसान समाधान की उम्मीद लेकर डिस्कॉम कार्यालय पहुंचे तो अधिकारियों ने बात सुनने के बजाय XEN से संपर्क कराने और पुलिस बुलाने की धमकी दी. इस घटनाक्रम के बाद किसान कार्यालय के गेट के बाहर धरने पर बैठ गए.

अधिकारियों ने दिया लिखित आश्वासन

शाम 8 बजे विभागीय अधिकारियों ने लिखित में आश्वासन दिया कि ट्रांसफॉर्मर बदल दिए जाएंगे, तब जाकर किसान धरने से उठे. हालांकि किसानों ने चेतावनी दी है कि अगर आश्वासन के अनुरूप कार्रवाई नहीं हुई, तो वे दोबारा धरने पर बैठेंगे.

'किसानों से कोई गलत बात नहीं कही'

AEN नितिन गुप्ता ने अपने ऊपर लगे आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि किसानों को कोई गलत बात नहीं कही गई. उन्होंने बताया कि ट्रांसफॉर्मर जलने की जानकारी उन्हें रविवार को ही मिली थी और ट्रांसफॉर्मर उपलब्ध होते ही उन्हें बदलने की बात कही गई थी. किसानों से संवाद कर समझाइश दी गई और जल्द समाधान का आश्वासन दिया गया है.

Advertisement

अशोक गहलोत ने सरकार से पूछे सवाल

राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक्स पर लिखा, 'क्या BJP की सरकार में किसानों को ट्रांसफॉर्मर भी उनकी पार्टी पहचान कर दिए जाएंगे? क्या यही है आपकी सुशासन की परिभाषा? या सरकारी कर्मचारी एवं अधिकारी भी जान चुके हैं कि किसानों का हित कांग्रेस सरकार में ही हो सकता है.'

Advertisement

अफसरशाही हावी हो चुकी है- पायलट

राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने एक्स पर लिखा, 'ग्रामीण क्षेत्रों में अघोषित बिजली कटौती, ट्रांसफार्मर की भारी किल्लत और बिजली बिलों में गड़बड़ी आम हो चुकी है और सरकार मूकदर्शक बनी बैठी है. अफसरशाही हावी हो चुकी है और भाजपा सरकार की कोई पकड़ नहीं बची है.'

Advertisement

टीकाराम जूली ने साधा निशाना

इस पूरे मामले पर नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने सरकार को आड़े हाथों लिया है. उन्होंने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा कि क्या अब आपकी सरकार में किसानों को ट्रांसफॉर्मर भी पार्टी देखकर मिलेंगे? उन्होंने आरोप लगाया कि अधिकारी किसानों से यह कहकर भेदभाव कर रहे हैं कि अब भाजपा की सरकार है.

क्या मतलब "कांग्रेस का राज नहीं है"

इस मामले को उठाते हुए राजस्थान कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने भी भजनलाल सरकार पर निशाना साधा है. डोटासरा ने एक्स पर लिखा, 'कोटपूतली बहरोड़ में भाजपा नेताओं के इशारे पर एक अधिकारी खुलेआम किसान को धमका रहा है. मुख्यमंत्री भजनलाल, क्या किसानों की आवाज सिर्फ कांग्रेस के राज में ही सुनी जाएगी? इस तानाशाही और अफसरशाही पर लगाम लगाइये, किसान कौम के धैर्य की परीक्षा न लें.'

'भाजपा सरकार में अफसर बेलगाम'

मकराना विधायक जाकिर हुसैन ने एक्स पर लिखा, 'अब राजस्थान में अफसरशाही खुली धमकी दे रही है - कांग्रेस का राज तो गया! नारायणपुर (अलवर) में 10 महीने से ट्रांसफार्मर के लिए भटकते किसानों को AEN की बदतमीज़ी व धमकी से साफ है — भाजपा सरकार में अफसर बेलगाम हैं. यह सरकार नहीं, पर्ची सरकार है.'

'क्या किसानों के साथ यही न्याय है'

NSUI प्रेसिडेंट विनोद जाखड़ ने एक्स पर लिखा, 'क्या अब राजस्थान में ट्रांसफॉर्मर भी किसानों को उनकी पार्टी देखकर मिलेंगे? क्या यही भाजपा राज में किसानों के साथ न्याय है? क्या यही आपका सुशासन है?'

ये भी पढ़ें:- 'हम सिर्फ बिजनेस नहीं बनाते, भारत के लिए नई संभावनाएं बनाते हैं', AGM में बोले गौतम अदाणी

यह VIDEO भी देखें