Bisalpur Dam: बस 60 घंटे और...सातवीं बार छलक जाएगा राजस्थान का सबसे बड़ा बीसलपुर बांध? हर साल बुझती है 90 लाख लोगों की प्यास 

टोंक जिले में बनास नदी पर मौजूद बीसलपुर बांध के लिए अगले 60 घंटे बड़े महत्वपूर्ण हैं और बांध इन 60 घंटो में कभी भी छलक सकता है. बांध के गेट खोले जा सकते हैं.  बीसलपुर बांध के निर्माणकाल से लेकर अब तक बांध से 6 बार गेट खोलकर पानी की निकासी की गई है.

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Tonk News: 315.50 आरएल मीटर की भराव क्षमता वाले टोंक जिले में बनास नदी पर मौजूद 38.720 टीएमसी पानी संग्रहित करने वाले बीसलपुर बांध में वैसे तो एक साल के लिए वर्तमान में 314.48 आरएल मीटर आ चुका है. जो कि बांध की कुल भराव क्षमता का लगभग 82 प्रतिशत है. वहीं बांध में इस समय मौजूद लगभग 32 टीएमसी पानी जयपुर,अजमेर ओर टोंक जिले के शहरों, कस्बों और सैंकड़ों गांवों की प्यास बुझाने के लिए पर्याप्त है. 

वर्तमान में बांध से 1 हजार एमएलडी पानी पेयजल के लिए दिया जा रहा है. जिसमें जयपुर को 650 एमएलडी,अजमेर को 300 एमएलडी और टोंक को महज 50 एमएलडी दिया जा रहा है. अगले एक साल के लिए बांध में सिचाई ओर पेयजल के लिए पर्याप्त पानी आ चुका है. बांध से पूर्ण भराव होने पर 16.2 टीएमसी पानी पेयजल के लिए 8 टीएमसी पानी सिंचाई के लिए आरक्षित रखा जाता है. 

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7वीं बार खुलेंगे बांध के गेट?

वहीं 8.75 टीएमसी पानी वाष्पीकरण या अन्य खर्च में माना जाता है. जिसमें बांध से पानी कि चोरी भी शामिल है. इस मानसून सत्र को लेकर उम्मीद की जा रही है कि अपने निर्माण काल से लेकर अब तक इस बांध के पहली बार सितम्बर महीने में गेट खुलेंगे वह यह 7वीं बार होगा जब बांध के गेट खुलेंगे. 

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750 किलोमीटर के नहरी तंत्र से किसान होंगे मालामाल

बीसलपुर बांध टोंक की सरजमीं के लिए वरदान है और हो भी क्यों नही बांध के निर्माण के लिए जिले के 68 गांवों ने कुर्बानी देते हुए अपने घर और खेत के साथ गांवों को छोड़ा था. बांध के नहरी तंत्र की बात की जाए तो बीसलपुर बांध से दाईं और बाई मुख्य नहरों लंबाई 51.70 और18.65 किलोमीटर है. यह जाल लगभग 750 किलोमीटर लम्बा है.  

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अगस्त महीने में ही खुलते हैं बांध के गेट

टोंक जिले में बनास नदी पर मौजूद बीसलपुर बांध के लिए अगले 60 घंटे बड़े महत्वपूर्ण हैं और बांध इन 60 घंटो में कभी भी छलक सकता है.  बांध के गेट खोले जा सकते हैं.  बीसलपुर बांध के निर्माणकाल से लेकर अब तक बांध से 6 बार गेट खोलकर पानी की निकासी की गई है बांध बनने के बाद पहली बार 18 अगस्त 2004 मे बीसलपुर बांध लबालब भरा था और इसके गेट खोलकर पानी की निकासी की गई. 2020 में सबसे पहले गेट खोलने के लिए स्काडा सिस्टम (कंप्यूटराइज्ड तरीके से) का प्रयोग किया गया था .

बांध से जयपुर,अजमेर ओर टोंक को दिया जाता है पानी 

बीसलपुर बांध परियोजना के अधिशाषी अभियंता मनीष बंसल के अनुसार बांध पर हमारी सभी तैयारियां पूरी हैं. फिलहाल जो गेज त्रिवेणी बनास नदी पर चल रहा है वह कितना ज्यादा बढ़ता है और कितने घंटों या दिनों तक मेंटेन रहता है बांध का पूरा भरना उस पर निर्भर है. वहीं मानसून का जो तंत्र गुजरात की तरफ से आगे बढ़ रहा है उसे देखते हुए उम्मीद की जा रही है कि बांध सातवीं बार ओवरफ्लो होगा और यह पहला मौका होगा जब गेटों की ओपनिंग सितम्बर महीने में होगी वर्तमान से स्कोडा सिस्टम से पल-पल आगे से पानी की आवक पर नजर रखी जा रही है .

राजस्थान के छह जिलों से बहकर आता है बांध में पानी 

बीसलपुर बांध का कैचमेंट एरिया छह जिलों में हैं. जिसमें भीलवाड़ा का 51 प्रतिशत, चित्तौड़गढ़ का 17, उदयपुर का 6, अजमेर का 15, टोंक का 2 और प्रतापगढ़ का 1 प्रतिशत क्षेत्र है.  इसके अलावा चित्तौड़गढ़ में गंभीरी डेम से पानी की निकासी के बाद उसका पानी भी बीसलपुर बांध में बहकर आता है.

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