Rajasthan: बोरिंग में अचानक मिट्टी धंसने से 40 फीट पर फंसे मजदूर की मौत, अब धरने पर बैठे परिजन

मजदूर को बचाने के लिए तीन जेसीबी मशीनों और एक क्रेन की मदद ली गई. लेकिन अधिकारियों ने बताया कि  रेतीली मिट्टी होने के कारण बचाव कार्य में काफी परेशानी आई.

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बोरिंग की मरम्मत का काम दो दिन से चल रहा था जब अचानक मिट्टी धंस गई

राजस्थान में सीकर जिले के रींगस कस्बे में बोरिंग मरम्मत के दौरान मिट्टी धंसने से फंसे मजदूर की मौत हो गई है. यह हादसा तब हुआ जब वार्ड संख्या-7 स्थित बेनीवालों की ढाणी में बोरिंग की मरम्मत का काम चल रहा था. बोरिंग में पाइप को बदला जा रहा था और यह काम दो दिनों से चल रहा था. लेकिन, शनिवार को अचानक वहां की मिट्टी ढह गई. उस समय मोहन सैनी नाम का मजदूर 40 फीट नीचे काम कर रहा था और वह मिट्टी में दब गया. हादसे की सूचना मिलते ही 3 जेसीबी और 1 क्रेन को बुलाकर बचाव कार्य शुरू किया गया. ढाई घंटे बाद मजदूर को बाहर निकाल लिया गया, लेकिन तब तक उसकी मौत हो गई थी. इसके बाद मृतक मजदूर अस्पताल में धरने पर बैठ गए हैं.

अस्पताल के बाहर धरने पर बैठे परिजन

बोरिंग हादसे में मजदूर मोहन सैनी की दर्दनाक मौत के बाद उसके परिजनों के घर में मातम पसरा है. परिजन लापरवाही का आरोप लगाते हुए उचित मुआवजे और सरकारी नौकरी की मांग कर रहे हैं. परिजनों ने बिना मांग पूरी हुए शव को लेने से इनकार कर दिया है. मृतक के बेटे बलराम सैनी ने प्रशासन पर आरोप लगाया कि वह उनकी कोई मांग नहीं मान रहा इसलिए अब चाहे जितने भी दिन लगें वो धरने पर बैठे रहेंगे.

रींगस में अस्पताल के बाहर बैठे मृतक मजदूर के परिजन
Photo Credit: NDTV

हालांकि प्रशासन ने कहा है कि नियमानुसार मुआवजा दिया जा रहा है. एसडीएम बृजेश कुमार गुप्ता ने बताया कि इस हादसे में मजदूर की मौत के बाद नियमों के अनुसार जो भी मुआवजा दिया जा सकता है वह देने के लिए प्रशासन पहले ही हां कर चुका है. लेकिन, प्रशासन और परिजनों में सहमति नहीं बनी है जिसकी वजह से शनिवार से ही रींगस के उप-जिला चिकित्सालय के बाहर मृतक मजदूर के परिजनों का धरना जारी है.

रेतीली मिट्टी की वजह से मुश्किल

शनिवार को हादसे की सूचना मिलते ही पुलिस, नगर पालिका, राजस्व विभाग, चिकित्सा विभाग सहित कई विभागों के अधिकारी और कर्मचारी मौके पर पहुंच गए थे.रींगस नगर पालिका अध्यक्ष हरिशंकर निठारवाल भी पूरी टीम के साथ घटनास्थल पर पहुंच गई. वहां तत्काल राहत व बचाव कार्य शुरू करवाया गया. मजदूर को बचाने के लिए तीन जेसीबी मशीनों और एक क्रेन की मदद ली गई. लेकिन अधिकारियों ने बताया कि  रेतीली मिट्टी होने के कारण बचाव कार्य में काफी परेशानी आई क्योंकि रेतीली मिट्टी के कारण बार-बार मिट्टी ढहने का खतरा बना हुआ था.

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