बोधगया से खाटू श्याम दरबार 1400 किलोमीटर की साइकिल यात्रा, 9 साल के यशराज ने बताया ऐसा करने का अनूठा कारण

बिहार बोधगया से 9 साल यशराज 1400 किलोमीटर की साइकिल यात्रा कर खाटू श्याम धाम पहुंचा है.

विज्ञापन
Read Time: 2 mins
यशराज ने बोधगया से खाटू श्याम धाम की यात्रा की है.

Khatu Shyam Temple: राजस्थान के खाटू श्याम मंदिर में लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ लगती है. एकादशी के दिन मंदिर में खूब भीड़ देखी गई, इस वजह से VIP दर्शन को बंद करने का फैसला लिया गया. वहीं खाटू श्याम मंदिर में एक अनोखा बच्चा श्रद्धालु भी देखा गया जो साइकिल पर सवार होकर बिहार से आया था. बताया जा रहा है कि 9 साल का बच्चा बोधगया (बिहार) से खाटू श्याम धाम तक साइकिल की यात्रा कर पहुंचा है. वहीं बच्चे ने साइकिल यात्रा कर खाटू श्याम मंदिर पहुंचने की अनूठा कारण बताया है.

बिहार बोधगया से 9 साल यशराज 1400 किलोमीटर की साइकिल यात्रा कर खाटू श्याम धाम पहुंचा है. सीकर जिले के खाटूश्यामजी कस्बे में निर्जला एकादशी को देशभक्ति और भक्ति का अद्वितीय संगम देखने को मिला.

पहलगाम हमले में मारे गए सपूतों श्रद्धांजली

महज 9 वर्षीय यशराज बालक ने पहलगाम हमले में आतंकवादियों द्वारा मारे देश के वीर सपूतों को अनूठी श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए 1400 किलोमीटर की साइकिल यात्रा बोधगया से खाटू श्याम धाम तक की और साइकिल पदयात्रा पूरी कर बाबा श्याम के दरबार में हाजिरी दी.

22 दिन में 1400 किलोमीटर की यात्रा

यशराज ने बताया कि उसने 16 मई को यात्रा पवित्र जगन्नाथ मंदिर बोधगया से शुरू की थी. शुक्रवार (6 जून) को साइकिल से हजारों किलोमीटर की कठिन यात्रा करते हुए खाटू श्यामजी दरबार पहुंचा है. यानी उसने 22 दिनों में 1400 किलोमीटर की यात्रा पूरी की. यशराज ने बाबा श्याम के चरणों में माथा टेककर भारत माता के सपूतों की आत्मा की शांति की प्रार्थना की. खाटूधाम पहुंचने पर श्याम भक्तों ने बाबा श्याम के जयकारों के यशराज का गर्मजोशी से स्वागत किया. जगह-जगह श्याम के जयकारों से बालक का उत्साहवर्धन किया गया. श्रद्धालुओं ने बालक की देशभक्ति और संकल्प को सलाम किया. यशराज की यह पहल न केवल बाल मन की दृढ़ इच्छाशक्ति को दर्शाती है बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए एक प्रेरणास्रोत भी है.

Advertisement

यश राज ने यह भी बताया है कि यह उसकी पांचवीं यात्रा है. जबकि इसके बाद उसकी अगली यात्रा रामेश्वरम (तमिलनाडू) के लिए होगी.

यह भी पढ़ेंः Rajasthan: महज 12 साल की उम्र में आदित्य ने सांसारिक सुखों का किया त्याग, अब संन्यास की राह पर

Advertisement