ट्रेन से युवक की दोनों टांगें कटीं, 108 एम्बुलेंस का टायर पंचर और स्टेपनी नहीं; तड़पता रहा घायल

पुलिस ने दूसरी 108 एंबुलेंस के जरिए घायल आरजू को जवाहरलाल नेहरू अस्पताल पहुंचाया, जहां उसका इलाज शुरू किया गया है.

विज्ञापन
Read Time: 2 mins
एंबुलेंस पंचर हो गई.

अजमेर के अलवर गेट थाना क्षेत्र के मदार इलाके में रविवार सुबह बड़ा हादसा हो गया. रेलवे ट्रैक पार करते वक्त ट्रेन की चपेट में आने से बिहार के गया निवासी आरजू (27) की दोनों टांगें कट गईं. हादसे की सूचना पर स्थानीय पार्षद सुनील धानका और अलवर गेट थाने के एएसआई गणपत लाल मौके पर पहुंचे. गंभीर हालत में तड़प रहे घायल युवक को 108 एम्बुलेंस से जवाहरलाल नेहरू अस्पताल भेजा गया. पुलिस ने मौके से मिले कीपैड फोन के आधार पर युवक की पहचान की और परिजनों से संपर्क भी किया.

आधे घंटे तक तड़पता रहा घायल

जब घायल आरजू को उठाकर 108 एम्बुलेंस में अस्पताल ले जाने के लिए रखा गया, तभी सामने आया प्रशासनिक लापरवाही का बड़ा मामला. एम्बुलेंस स्टार्ट होते ही पता चला कि पीछे का एक टायर पंचर है. गाड़ी में स्‍टेपनी तक मौजूद नहीं है. ऐसे में 108 एम्बुलेंस मौके से हिल भी नहीं पाई. मजबूरन दूसरी 108 एम्बुलेंस बुलानी पड़ी, जिसके आने में करीब आधा घंटा निकल गया.

युवक दर्द से तड़पता रहा 

इस दौरान दोनों टांगें कटा युवक दर्द से तड़पता रहा और मौके पर मौजूद लोग प्रबंधन की इस व्यवस्था पर सवाल उठाते रहे. पार्षद सुनील डंका ने इसे 'राज्य सरकार की गंभीर विफलता' बताते हुए तीखे आरोप लगाए.

समय पर इलाज मिलता तो हालात बेहतर होते

सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या समय पर और सही संसाधनों के साथ एम्बुलेंस मौके पर होती तो घायल की स्थिति बेहतर हो सकती थी? आधे घंटे तक व्यवस्था के इंतजार में तड़पना एक तरह से प्रशासनिक लापरवाही का उदाहरण बन गया है. पार्षद सुनील धानका ने कहा कि सरकार की ओर से आपातकालीन सेवाओं में मूलभूत सुविधाएं तक मौजूद नहीं हैं, जिससे आमजन की जिंदगी खतरे में पड़ रही है. स्थानीय लोग भी यही सवाल उठा रहे हैं कि 108 जैसी महत्वपूर्ण सेवा में स्‍टेपनी तक न होना आखिर किसकी जिम्मेदारी है.

Advertisement

यह भी पढ़ें: राजस्थान के सीकर में हवा हुई प्रदूषित, बच्चों सहित कई लोग अस्पताल में भर्ती