भरतपुर के इस गांव में युवाओं की नहीं हो रही शादी, कच्ची सड़क देखकर वापस लौट जाते हैं रिश्ते

Rajasthan: भरतपुर के नगला तुला गांव में करीब 40 लोग कुंवारे हैं. जिनकी उम्र 35 साल से 40 साल के ऊपर है. इनकी शादी नहीं हो रही है.   

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भरतपुर के नगला तुला गांव के कीचड़ में घुसकर आते जाते हैं.

Rajasthan: भरतपुर के नगला तुला गांव में युवाओं के शादी विवाह नहीं हो रही है, यहां की सड़कें कच्ची हैं, जिसमें हमेशा पानी और कीचड़ भरा रहता है. इस रास्ते से करीब 12 दर्जन गांव जुड़े हैं. इस गांव की सड़कें पक्की नहीं बन पाई. ग्रामीण गर्मी और सर्दी में तो जैसे-तैसे इस रास्ते से निकल जाते हैं. लेकिन, बारिश के मौसम में तो हाल बेहाल हो जाते हैं. जब भी कोई व्यक्ति गांव में शादी का रिश्ता लेकर आता है तो रास्ता को देखकर के वापस लौट जाता है. ग्रामीणों ने एकत्रित होकर के जन प्रतिनिधि और जिला प्रशासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया.

कीचड़ में घुसकर जाते हैं लोग 

ग्रामीण कपूर सिंह ने बताया कि वे नगला गांव तुला में रहते हैं. ये गांव ग्राम पंचायत भवनपुरा के अंतर्गत आता है. उन्होंने बताया, "मेरी उम्र करीब 60 साल हो चुकी है. लेकिन, जन्म से ही गांव के मुख्य रास्ते पर पानी और कीचड़ देखा है. जब से गांव की बसावट हुई है, तब से लेकर के अब तक इस सड़क का निर्माण नहीं हुआ.

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कच्ची सड़क 12 गांवों को जोड़ता है 

ये कच्ची सड़क करीब 12 गांव को जोड़ता है. बारिश के मौसम में रास्ते की हालत बहुत खराब है. क्योंकि, कीचड़ जमा हुआ है, जिसके चलते आवागमन में लोगों को काफी परेशानी हो रही है. गांव से बाहर जाने का यह एकमात्र रास्ता है और इसी में होकर गुजरना पड़ता है.

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भरतपुर के नगला तुला गांव की सड़क आज भी कच्ची है.

रास्ते में 2 से 3 गहरे फीट गड्ढे 

सोमवीर सिंह ने बताया, "इस रास्ते के निर्माण के लिए कई बार मंजूरी मिल चुकी है. लेकिन, रास्ता आजतक नहीं बना. रास्ते में दो-तीन फीट गहरे गड्ढे हो रहें हैं. महिला बुजुर्ग आय दिन गिरकर चोटिल हो रहे हैं. रास्ता नहीं होने के चलते गांव के युवाओं के शादी नहीं हो रही है. 

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सड़क की वजह से वापस लौट जाते हैं रिश्ते 

सगाई संबंधों के लिए लोग गांव तो आ जाते हैं. लेकिन, रास्ते को देखकर वापस लौट जाते हैं. इसकी वजह से ग्रामीणों ने इकट्ठा होकर विरोध प्रदर्शन किया है. इस समस्या से जन प्रतिनिधि एवं स्थानीय प्रशासन को कई बार अवगत करा चुके हैं. लेकिन, इस समस्या का ठोस समाधान नहीं हो सका.