कौन कहता है कि आसमां में सुराख नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारो. जब जज्बा और हौसले की बात आती है, तो दुष्यंत कुमार की ये पंक्तियां अक्सर दोहराई जाती हैं. राजस्थान के बारां जिले के कवाई सालपुरा कस्बे का रहने वाला मासूम बच्चा चंदन भी इन्हीं पंक्तियों को चरितार्थ कर रहा है. चंदन के हौसले और अदाणी फाउंडेशन द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में किए गए प्रयासों ने चंदन और उसके परिवार की दुनिया बदल दी है. आइए आपको दिखाते हैं कैसे अदाणी फाउंडेशन के शिक्षा की अलख अभियान से वंचित निर्धन वर्ग के बच्चे गुणवत्तापूर्ण शिक्षा हासिल करने की सीढ़ियां चढ़ रहे है.