राजस्थान हाईकोर्ट(Rajasthan High Court) ने सामाजिक बहिष्कार, नाता प्रथा और खाप पंचायतों जैसी सामाजिक बुराइयों पर रोक लगाने के लिए बड़ा कदम उठाया है। जस्टिस फरजंद अली की एकल पीठ ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए एक पांच सदस्यीय आयोग का गठन किया है, जो ग्रामीण क्षेत्रों का दौरा करेगा और इन कुप्रथाओं की जमीनी हकीकत की रिपोर्ट तैयार करेगा.