राजस्थान (Rajasthan) में 11 सीटें गंवाने के बावजूद प्रदेश से केंद्र में चार मंत्री क़ायम, स्पीकर जैसा बड़ा सैंवधानिक पद फिर मिला. इसके मुक़ाबले एमपी (MP) से सारी सीटें जीतने, गुजरात (Gujrat) में सिर्फ़ एक सीट हारने के बावजूद उसे तुलनात्मक उतने मंत्री नहीं मिले. ऐसे में कई सवाल उठ रहे हैं. मंत्री और स्पीकर के ज़रिये अलग-अलग जाति वर्ग का मिश्रण बनाने के आखिर क्या मायने हैं. इसे समझने के लिए विशेष पैनल आयोजित किया गया है.