Ram Mandir: 1992 में जोधपुर (Jodhpur) से भी फैजाबाद (Faizabad) में कारसेवा करने के लिए बड़ी संख्या में कारसेवक पहुँचे थे और आंदोलन में अपना सहयोग दिया था. जोधपुर के बागर चौक (Bagar Chauk) से भी कई कारसेवक फैजाबाद पहुंचे थे. इन कारसेवकों में एक परिवार था राम स्वरूप सांखला (Ram Swaroop Sankhala) का. वो उनकी पत्नी और बेटी कारसेवा में शामिल होने पहुंचे थे. उन्होंने विवादित ढांचा गिराने के लिए अपना योगदान दिया था, और वहाँ से विवादित ढांचे में से निकली ईट और गुम्बद का एक छोटा सा पिलर यादगार के रूप में जोधपुर लेकर आ गए. जिसे आज भी इन लोगों ने सहेज कर रखा है. देखिए NDTV की ये स्पेशल रिपोर्ट.