राजस्थान राज्य मानवाधिकार आयोग ने अजमेर सेंट्रल जेल में बंदियों के मानवाधिकार उल्लंघन के मामले में बड़ा और अहम फैसला सुनाया है. आयोग के सदस्य जस्टिस रामचंद्र सिंह झाला ने जेल अधीक्षक संजय यादव सहित सात प्रहरियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की अनुशंसा की है. साथ ही पीड़ित कैदियों को अनुतोष राशि देने का आदेश दिया गया है.आयोग के निर्णय के अनुसार, बंदी मुकेश उर्फ प्रेम एवं उनके निकटतम परिजन को 50,000 रुपये और अन्य दो बंदियों- करण उर्फ बाबू और श्यामलाल को 25,000-25,000 रुपये की अनुतोष राशि दी जाएगी. राज्य सरकार यह राशि तीन महीने में भुगतान करेगी और चाहे तो दोषी अधिकारियों-कर्मचारियों से वसूली कर सकती है.