आज यानी शरद पूर्णिमा के दिन साल 2023 का आखिरी चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है. राजस्थान समेत देश के अन्य राज्यों और शहरों से भी इसे देखा जा सकेगा. चंद्र ग्रहण के मद्देनजर प्रदेश के सभी बड़े मंदिरों के कपाट बंद रहेंगे.
सूतक काल की टाइमिंग
शनिवार शाम 4.05 बजे से रविवार सुबह 3.56 बजे तक सूतक काल रहेगा. इस दौरान प्रसिद्ध श्रीसांवलिया सेठ, शनि महाराज आली समेत कई मंदिरों के पट बंद रहेंगे. सूतककाल के चलते भक्तगण 29 अक्टूबर को सुबह साढ़े 5 बजे ही मंगला दर्शन कर पाएंगे. बीते 14 अक्टूबर को साल का आखिरी सूर्य ग्रहण अमावस्या तिथि पर लगा था और अब कुछ ही दिनों बाद शरद पूर्णिमा के दिन साल का आखिरी चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है. इस तरह से अक्टूबर का महीन त्योहारो और ग्रहण के नजरिए से बहुत ही खास है.
चंद्र ग्रहण की टाइमिंग
जोधपुर के निदेशक ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि 28 अक्टूबर को भारत में ग्रहण की शुरुआत मध्य रात्रि 01:05 बजे से होगी. मध्य रात्रि 02:24 बजे तक ग्रहण रहेगा. चंद्र ग्रहण का सूतक ग्रहण शुरू होने से ठीक 9 घंटे पहले से शुरू हो जाता है और ग्रहण खत्म होने के साथ सूतक भी खत्म हो जाता है. चंद्र ग्रहण के समय दान-पुण्य करने का विशेष महत्व है. अगर इस दौरान राशि अनुसार दान किए जाते हैं तो कुंडली के कई दोषों का असर कम सकता है. 28 अक्तूबर को लगने वाला चंद्रग्रहण भारत में दिखाई देगा जिस कारण से इसका सूतक काल मान्य रहेगा. सूतक चंद्रग्रहण लगने से 9 घंटे पहले शुरू हो जाता है.
सूतक को मानते हैं अशुभ
ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि इस बार साल के दूसरे चंद्र ग्रहण का सूतक 28 अक्टूबर की दोपहर 4:05 मिनट से शुरू हो जाएगा. सूतक काल को अशुभ माना जाता है. जब पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के बीच आ जाती है तब चंद्र ग्रहण लगता है. वैज्ञानिक नजरिए से ग्रहण एक खगोलीय घटना मात्र होता है, लेकिन धार्मिक दृष्टि से ग्रहण की घटना को शुभ नहीं माना जाता है. चंद्र ग्रहण को चंद्रमा के ग्रहण के रूप में जाना जाता है.
मेष राशि वाले संभलें
ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि यह चंद्र ग्रहण अश्विनी नक्षत्र और मेष राशि में हो रहा है. अश्विनी नक्षत्र और मेष राशि में जन्मे व्यक्तियों के लिए विशेष अशुभ फलदाता और दुर्घटना का भय रहेगा. आश्विन मास में चंद्र ग्रहण होने से कहीं प्रकृति-प्रकोप, दुर्भिक्ष भय, भूकंप से जन-धन की हानि आशंका भी रहेगी. इसके साथ ही लोहा, क्रूड आयल व लाल रंग की वस्तुओं में तेजी आ सकती है. शासकों में मतभेद, डॉक्टर, वैद्य व व्यापारियों को कष्ट व पीड़ा बढ़ सकती है. चीन, ईरान, ईराक, अफगानिस्तान आदि देशों में अशांति, भय व भूकंप आदि की घटनाएं अधिक होने का भी अंदेशा रहेगा.
कहां-कहां दिखाई देगा चंद्र ग्रहण
ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि साल का आखिरी चंद्र ग्रहण भारत के अलावा नेपाल, श्रीलंका, बांग्लादेश, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, भूटान, मंगोलिया, चीन, ईरान, रूस, कजाकिस्तान, सऊदी अरब, सूडान, इराक, तुर्की, अल्जीरिया, जर्मनी, पोलैंड, नाइजीरिया, दक्षिण अफ्रीका, इटली, यूक्रेन, फ्रांस, नॉर्वे, ब्रिटेन, स्पेन, स्वीडन, मलेशिया, फिलीपींस, थाईलैंड, ऑस्ट्रेलिया, जापान और इंडोनेशिया में भी देखा जाएगा। भारत में चंद्र ग्रहण दिल्ली, गुवाहटी, जयपुर, जम्मू, कोल्हापुर, कोलकाता और लखनऊ, मदुरै, मुंबई, नागपुर, पटना, रायपुर, राजकोट, रांची, शिमला, सिल्चर, उदयपुर, उज्जैन, बडौदरा, वाराणसी, प्रयागराज, चेन्नई, हरिद्वार, द्वारका, मथुरा, हिसार, बरेली, कानपुर, आगरा, रेवाड़ी,अजमेर, अहमदाबाद, अमृतसर, बेंगलुरु भोपाल, भुवनेश्वर, चंडीगढ़, देहरादून, लुधियाना समेत कई शहरों में नजर आएगा.
पांच राशि वालों को होगा फायदा
कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब भी ग्रहण लगता है तो इसका शुभ और अशुभ दोनों ही तरह का प्रभाव सभी राशि के जातकों के ऊपर पड़ता है. 28 अक्टूबर 2023 को लगने वाला साल का आखिरी चंद्रग्रहण वृषभ, मिथुन, कन्या, धनु और मकर वालों के लिए फायदा दिलाने वाला साबित होगा. इन राशि वालों के रूके हुए काम जल्द पूरे होंगे. मान-सम्मान में इजाफा देखने को मिलेगा. अचानक से धन लाभ हो सकता है. कार्यक्षेत्र में उपलब्धियों की प्राप्ति होगी. नौकरीपेशा जातकों को नौकरी में प्रमोशन और वेतनवृद्धि के योग बनेंगे. जो लोग बिजनेस करते हैं उन्हें कोई अच्छी डील मिल सकती है. पैतृक संपत्ति से लाभ की संभावना भी है. कानूनी मामलों में इन राशि के जातकों की जीत होगी.