IAS सीआर मीणा: दौसा के एक छोटे से गांव से अजमेर संभाग के 7 जिलों के कमिश्नर तक का सफर

अजमेर के संभागीय आयुक्त सीआर मीणा इसी साल 31 दिसंबर को रिटायर होने वाले हैं. उन्होंने अपने प्रोफेशनल करियर की खास बातें NDTV राजस्थान से साझा की.

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IAS CR Meena

दौसा के एक छोटे से गांव में जन्मे चौथी राम मीणा (Chauthi Ram Meena) इस समय अजमेर के संभागीय आयुक्त हैं. अजमेर संभाग के सात जिलों की जिम्मेदारी उनके कंधों पर हैं. सीनियर IAS ऑफिसर सीआर मीणा इसी साल के अंत में 31 दिसंबर को रिटायर होने वाले हैं. उन्होंने NDTV राजस्थान से खास बातचीत में अपने प्रोसेशनल करियर के साथ-साथ अपनी प्राथमिकताओं का जिक्र किया. सीआर मीणा ने बताया कि उनका जन्म दौसा के खुर्रा गांव में एक बेहद सामान्य किसान परिवार में हुआ था. गांव के प्राइमरी स्कूल से पढ़ाई की शुरुआत की. राजस्थान यूनिवर्सिटी ने उन्होंने ग्रेजुएशन किया. उन्होंने बताया कि पूरे गांव में वह दो भाई थे, जिन्होंने ग्रेजुएशन पूरा किया था. 

1989 में RAS में भर्ती हुए सीआर मीणा की पहली पोस्टिंग डीडवाना में विकास अधिकारी के रूप में हुई थी. जहां काम के दौरान उनकी नेताओं और प्रधान से कई बार उनके रिश्ते तल्ख हुए. सरकार की ओर से उनके प्रमोशन में 15 साल की देरी हुई. 2007 के बैच में उनका आईएएस के पद पर प्रमोशन हुआ. 


पहली ही पोस्टिंग में रेप केस में फंसाने की हुई साजिश

अपने करियर की प्रमुख घटनाओं को याद करते हुए सीआर मीणा ने बताया कि मेरी पहली पोस्टिंग डीडवाना में विकास अधिकारी के पद पर हुई थी, वहां प्रधान का खतरनाक वर्चस्व था. प्रधान कोई भी काम नियम अनुसार नहीं करता था. मैं काम को नियम के अनुसार कराना चाह रहा था. इस वजह से प्रधान मुझे वहां से हटाना चाहता था.

सीआर मीणा ने बताया, "डीडवाना में प्रधान ने मेरे घर पर पत्थर चलवाएं, रेप के झूठे मुकदमे में फंसाने की साजिश रची. मुझ पर एसिड अटैक भी करवाया. लेकिन इसके बाद भी मैंने परिवादियों की शिकायतों पर निष्पक्ष जांच करवा कर उन्हें राहत प्रदान की"

डीडवाना में फायरिंग के बाद हाई कमीशन तक गई थी जांच

सीनियर आईएएस ऑफिसर सीआर मीणा ने आगे कहा कि प्रशासनिक काम के दौरान अच्छा-बुरा समय आता है, अगर मामले को ढंग से समझा जाए तो सफलता जरूर मिलती है. डीडवाना की एक और घटना का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया कि मेरे डीडवाना एडीएम रहते हुए वहां पर एक कवि सम्मेलन आयोजित हुआ था, जिसका उद्घाटन मुख्यमंत्री ने किया था. लेकिन सीएम के जाने के तुरंत बाद कुछ सामाजिक तत्वों ने वहां पर पत्थरबाजी की. कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए असामाजिक तत्वों पर फायरिंग की गई. जिसमें करीब 18 लोग घायल हुए. तब यह मामला खूब चर्चा में आया था. सरकार ने हाई कमीशन द्वारा मामले की जांच कराई. बाद में मुझे क्लीन चिट मिली.

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काम के दौरान जनप्रतिनिधियों से बनते हैं तनाव के हालात

सीआर मीणा ने बताया वो अजमेर, बीकानेर, भरतपुर, राजसमंद इन चार जिलों में सीईओ जिला परिषद पद पर काम कर चुके हैं. अजमेर नगर निगम में दो बार सीईओ रहे. इस दौरान राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं को आम आदमी तक पहुचाने और उन्हें लाभ दिलवाने का कार्य किया. लेकिन जनप्रतिनिधि उनके कामों को पसंद नहीं करते थे. जनप्रतिनिधि अपने हिसाब से काम करवाने का प्रयास करते हैं. ऐसे में जनप्रतिनिधि और प्रशासनिक अधिकारी के बीच तनाव की स्थिति हो जाती है.

छुट्टियों में भी हेड क्वार्टर नहीं छोड़ना पड़ता

सीआर मीणा ने यह भी कहा कि प्रशासनिक पद पर रहते हुए छुट्टियों में भी हेडक्वार्टर छोड़ने की अनुमति नहीं मिली. ऐसा कई बार हुआ. सरकारी छुट्टियों में वह अपने परिवार के साथ हेड क्वार्टर में रहते हैं या जिले के आसपास घूमने फिरने का अवसर प्राप्त होता है तो जाते हैं. दूसरे पद पर रहकर छुट्टियों में वह अपने गांव जाकर छुट्टियां मनाते थे.

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अब निष्पक्ष विधानसभा चुनाव कराना उनका मकसद

सीआर मीणा ने बताया कि 31 दिसंबर 2023 को मैं रिटायर हो जाऊंगा. उससे पहले राज्य में चुनाव है. करीब 2 महीने बाद आचार संहिता लग जाएगी. लेकिन रोजमर्रा की समस्याओं का समाधान नियमात रूप से उनके द्वारा किया जा रहा है. अजमेर में अब 4 जिले की जगह 7 जिले हैं. मेरे लिए सातों जिले एक जैसे है. अब शांतिपूर्ण और निष्पक्ष विधानसभा चुनाव संपन्न कराना मेरा मकसद है.