IIT-IIM से पढ़ाई की, विदेश में करोड़ों का पैकेज ठुकराया, दूसरे प्रयास में UPSC में पाई AIR-1

गौरव इससे पहले टोंक जिला कलेक्टर, माध्यमिक शिक्षा निदेशक, CEO जिला करौली का पदभार भी संभाल चुके हैं.

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आईएएस गौरव अग्रवाल अब चित्तौड़गढ़ कलेक्टर का पद संभालेंगे

NDTV Rajasthan की विशेष प्रस्तुति 'आपके अफसर' (Aapke Afsar) के माध्यम से हम लगातार प्रशासनिक क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन कर रहे अफसरों के जीवन के विभिन्न पहलुओं से आपको रुबरु करवाते हैं. इस कड़ी में आज हम बात करेंगे चित्तौड़गढ़ के नए जिला कलेक्टर गौरव अग्रवाल के बारे में.

प्रदेश में चुनाव आचार संहिता से पहले दो अक्टूबर को देर रात राजस्थान सरकार के कार्मिक (क-1) विभाग ने प्रदेश के 20 आईएएस के तबादले की लिस्ट जारी की है. जारी हुई तबादला आईएएस की सूची में चित्तौड़गढ़ के वर्तमान जिला कलेक्टर पीयूष सामरिया का तबादला हो गया है. अब चित्तौड़गढ़ के नए जिला कलक्टर गौरव अग्रवाल होंगे.

●जीवन परिचय

15 अगस्त 1984 को राजस्थान के भरतपुर में जन्मे गौरव अग्रवाल भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी हैं. जिन्होंने वर्ष 2013 की भारतीय सिविल सेवा परीक्षा (UPSC CSE) में पहला स्थान (AIR-1) प्राप्त किया था.

●परिवार की इकलौती संतान हैं गौरव अग्रवाल

गौरव अग्रवाल मध्यमवर्गीय परिवार से आते हैं. उनके पिता का नाम एस.सी. गुप्ता और माता का नाम सुमन गुप्ता है. वह अपने माता-पिता की इकलौती संतान हैं.

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●बचपन से ही पढ़ाई में थे अव्वल

गौरव अग्रवाल बचपन से ही पढ़ाई में बहुत अव्वल और मेहनती रहे हैं. उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा जयपुर से प्राप्त की है. 16 वर्ष की उम्र में गौरव ने देश की सबसे कठिन इंजीनियरिंग परीक्षा IIT को उत्तीर्ण कर पूरे देश में 45वाँ स्थान हासिल किया था. इसके बाद उन्होंने 2005 में आईआईटी कानपुर से कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन किया.

इसके बाद 21 वर्ष की उम्र में  साल 2005 में उन्होंने कैट की परीक्षा में 99.94% अंक हासिल किए. फिर आईआईएम लखनऊ (IIM LUCKNOW) से वित्त एवं प्रबंधन में अपनी शिक्षा को पूरा किया. उन्होंने वहां अकादमिक उत्कृष्टता के लिए स्वर्ण पदक भी मिला. गौरव IAS बनने से पहले साल 2012 में आईपीएस में सेलेक्ट हुए थे.

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● पहले प्रयास में आईपीएस और दूसरे में रैंक-1 लाकर बने आईएएस

एमबीए की डिग्री के बाद गौरव ने हांगकांग में बतौर इन्वेस्टमेंट बैंकर की नौकरी शुरू की. लेकिन उनका मन नहीं लगा. फिर उन्होंने भारत आकर यूपीएससी परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी. अपने पहले ही अटेंप्ट में वह आईपीएस भी बने. और हैदराबाद में उनकी ट्रेनिंग भी शुरू हो गई. लेकिन वह अभी भी संतुष्ट नहीं थे और इसीलिए उन्होंने 2013 में यूपीएससी परीक्षा का दूसरा अटेंप्ट दिया और आल इंडिया रैंक 1 के साथ आईएएस के लिए सिलेक्ट हुए. 

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