राजस्थान के 500 शिक्षक देशी-विदेशी संस्थानों में ले सकेंगे ट्रेनिंग, QS और NIRF रैंकिंग वाले 1 से 100 संस्थान शामिल 

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राजस्थान के 500 शिक्षक देसी-विदेशी संस्थानों में ले सकेंगे ट्रेनिंग

राजस्थान के शिक्षकों के लिए बड़ी खबर है. राजस्थान के सरकारी कॉलेजों के शिक्षकों को देश ही नहीं विदेश के जाने-माने संस्थानों में ट्रेनिंग करने का मौका मिलेगा. हाल ही में जारी किए गए एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि राजस्थान में सरकारी कॉलेजों और पॉलिटेक्निक कॉलेजों के 500 शिक्षक अब देश और विदेश के प्रतिष्ठित संस्थानों में प्रशिक्षण पाठ्यक्रम ले सकेंगे. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस संबंध में 'टीचर इंटरफेस फॉर एक्सीलेंस' (टीआईई) कार्यक्रम के प्रस्ताव को मंजूरी दी है. बता दें कि चयनित शिक्षकों को नई प्रौद्योगिकियों और नवाचारों के बारे में सीखने को मिलेगा जिन्हें छात्रों को पढ़ाने के दौरान लागू किया जा सकता है.

बयान में कहा गया कि इससे शिक्षक उत्कृष्ट शैक्षिक नीतियों और कार्यक्रमों से परिचित और प्रशिक्षित हो सकेंगे. साथ ही राज्य में उच्च शिक्षा में गुणवत्तापूर्ण शिक्षण और अनुसंधान को बढ़ावा मिलेगा.

क्यूएस रैंकिंग और एनआईआरएफ वाले संस्थान

इस योजना के तहत टीआईई प्रोग्राम शिक्षकों को 1 से 100 की क्यूएस (Quacquarelli Symonds) रैंकिंग वाले प्रतिष्ठित विदेशी संस्थानों और 1 से 100 की एनआईआरएफ (National Institute Ranking Framework) रैंकिंग वाले राष्ट्रीय संस्थानों में ट्रेनिंग ले सकेंगे. 

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आएगी करोड़ों की लागत

ट्रेनिंग प्रोग्राम के तहत वित्तीय वर्ष 2023-24 में अनुसंधान और प्रशिक्षण सुविधाओं पर 23.50 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. विज्ञप्ति में कहा गया है कि कार्यक्रम के दिशानिर्देश जल्द ही जारी किए जाएंगे.

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इस प्रोग्राम से राजस्थान के उच्च शिक्षण संस्थानों में शिक्षा और अनुसंधान की गुणवत्ता में सुधार करने में मदद मिलेगी. इससे राष्ट्रीय मूल्यांकन और प्रत्यायन परिषद द्वारा प्रदान की जाने वाली ग्रेडिंग में राज्य के प्रदर्शन को और मजबूत मिलेगी. टीआईई के तहत ट्रेनिंग प्रोग्राम 1 से 6 महीने की अवधि के लिए आयोजित किए जाएंगे.

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