Budget 2025: निर्मला सीतारमण संसद में बजट पेश कर दिया है. 2025 के बजट में शिक्षा क्षेत्र के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की गई हैं, जो आने वाले वर्षों में शिक्षा के स्वरूप को पूरी तरह से बदल सकती हैं. इनमें मेडिकल सीटों में बड़ी वृद्धि, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की पढ़ाई को बढ़ावा देने के लिए 500 करोड़ रुपए का आवंटन, और शिक्षा से संबंधित कई अन्य महत्वपूर्ण पहलों का समावेश है. इसके अलावा और भी कई ऐलान हुए हैं जो शिक्षा के लिहाज से बड़ी घोषणाएं हैं
मेडिकल सीटों में बढ़ोतरी
बजट में मेडिकल शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए एक बड़ा कदम उठाया गया है. देश में मेडिकल सीटों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि की जाएगी, जिससे अगले साल मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में 10,000 सीटें जोड़ी जाएंगी,साथ ही अगले पांच वर्षों में 75,000 सीटें जोड़ी जाएंगी.
AI की पढ़ाई के लिए 500 करोड़
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के महत्व को देखते हुए सरकार ने इसके अध्ययन को बढ़ावा देने के लिए 500 करोड़ रुपये का विशेष आवंटन किया है. इसके लिए 500 करोड़ रुपये से 3 AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) एक्सीलेंस सेंटर बनाए जाएंगे.
तकनीकी रिसर्च के लिए 10,000 फ़ेलोशिप
अगले पांच वर्षों में आईआईटी और आईआईएससी में तकनीकी अनुसंधान के लिए 10,000 से अधिक फेलोशिप प्रदान की जाएंगी.
स्टार्टअप के लिए 10,000 करोड़ रुपए का फंड
देश में युवाओं की प्रगति में मदद करने के लिए सरकार ने बजट में कहा है कि वह स्टार्टअप के लिए 10,000 करोड़ रुपये का फंड उपलब्ध कराएगी.
डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा
बजट में केंद्रीय वित्त मंत्री सीतारमण ने सरकारी स्कूलों में शिक्षा का स्तर बढ़ाने के लिए ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी उपलब्ध कराने की बात कही है ताकि छात्र तकनीकी रूप से सक्षम बन सकें.
कौशल विकास पर जोर
छात्रों को रोजगार के लिए तैयार करने के लिए कौशल विकास कार्यक्रमों को बढ़ावा देने पर भी बजट में विशेष ध्यान दिया गया है. जिसके अंतर्गत 5 राष्ट्रीय स्तर के सेंटर बनाए जाएंगे.
IIT की सीटों में बढ़ोतरी
बजट 2025 पेश करते हुए उन्होंने कहा कि आने वाले समय में देश में आईआईटी सीटों की संख्या बढ़ाई जाएगी. जिसमें देश के 23 आईआईटी में 6500 सीटें बढ़ाई जाएंगी. इसके तहत पटना आईआईटी में हॉस्टल की सुविधा भी बढ़ाई जाएगी.
भारतीय भाषा पुस्तक योजना
सरकार स्कूलों और उच्च शिक्षा के लिए भारतीय भाषाओं की किताबों को डिजिटल बनाने के लिए भारतीय भाषा पुस्तक योजना शुरू करेगी. इसके तहत 1 करोड़ पांडुलिपियों का डिजिटलीकरण किया जाएगा. इससे शिक्षा के क्षेत्र में और सुधार आने की उम्मीद है.
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