NEET-UG Exam: एनएमसी ने पात्रता मानदंड में किया संशोधन, अब ये विद्यार्थी भी दे सकेंगे परीक्षा

विद्यार्थियों के लिए बड़ी खुशखबरी सामने आई है. जिन छात्रों ने भौतिकी, रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान या जैव प्रौद्योगिकी की पढ़ाई अंग्रेजी के साथ, भले ही अतिरिक्त विषय के रूप में की है. अब वे 12वीं कक्षा उत्तीर्ण करने के बाद राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा NEET-UG की परीक्षा में बैठने के पात्र होंगे.

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(प्रतीकात्मक तस्वीर)

NEET-UG Exam Update: राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) ने एक नोटिस जारी कर कहा कि जिन छात्रों ने किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से भौतिकी, रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान या जैव प्रौद्योगिकी की पढ़ाई अंग्रेजी के साथ, भले ही अतिरिक्त विषय के रूप में की है, वे 12वीं कक्षा उत्तीर्ण करने के बाद राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट)-स्नातक की परीक्षा में बैठने के पात्र होंगे. यह निर्णय उन छात्रों पर भी लागू होगा जिनके आवेदन पहले खारिज कर दिए गए थे.

दो साल का अध्ययन नियमित स्कूलों से पूरा करना आवश्यक था, न कि मुक्त विद्यालयों से अथवा प्राइवेट छात्र के तौर पर.

विद्यार्थियों के आवेदन किए गए थे खारिज  

जिन विद्यार्थियों के पहले से आवेदन खारिज कर दिए गए थे उन्हे चिंता करने की आवश्यकता नही है, क्योंकि राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) ने बुधवार को जारी एक नोटिस में कहा कि यह निर्णय उन छात्रों पर भी लागू होगा जिनके आवेदन पहले खारिज कर दिए गए थे.

2 साल तक नियमित पढ़ना हुआ अनिवार्य

तत्कालीन भारतीय चिकित्सा परिषद (एमसीआई) ने स्नातक चिकित्सा शिक्षा, 1997 पर विनियमों के प्रावधानों के माध्यम से एमबीबीएस पाठ्यक्रम में प्रवेश और चयन को विनियमित किया था. एमसीआई ने तब इसमें उल्लेख किया था कि उम्मीदवारों को कक्षा 11 और 12 में अंग्रेजी विषय के साथ भौतिकी, रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान या जैव प्रौद्योगिकी विषयों का दो साल तक नियमित या निरंतर अध्ययन करना होगा.

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