Gold Price in India: मजबूत वैश्विक संकेतों के कारण राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के सर्राफा बाजार में सोने का भाव 850 रुपये के उछाल के साथ 70,050 रुपये प्रति 10 ग्राम के नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया. एचडीएफसी सिक्योरिटीज ने यह जानकारी दी. यह लगातार दूसरा सेशन है जब सोने ने रिकॉर्ड ऊंचाई को छुआ है. पिछले कारोबारी सेशन में सोना 69,200 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था.
चांदी की कीमत 1000 रुपये बढ़ी
चांदी की कीमत भी 1,000 रुपये के उछाल के साथ 81,700 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई. इससे पिछले कारोबारी सेशन में यह 80,700 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई थी. एचडीएफसी सिक्योरिटीज के शोध विश्लेषक सौमिल गांधी ने कहा, ‘‘विदेशी बाजारों में मजबूती के रुख से संकेत लेते हुए दिल्ली के बाजारों में हाजिर सोने की कीमत (24 कैरेट) 70,050 रुपये प्रति 10 ग्राम पर कारोबार कर रही थी जो पिछले बंद भाव से 850 रुपये की बढ़त है.''
सोने की कीमतों में उछाल के कारण
घरेलू के अलावा अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी सोना नए रिकॉर्ड बना रहा है. अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना 2,300 डॉलर प्रति आउंस के पार निकल गया है. सोने की कीमतों में ये तेजी कई कारणों से है. फेड चेयरमैन जेरोम पॉवेल ने बयान दिया है कि वो इस साल ब्याज दरों में कटौती करेंगे, हालांकि अभी ये साफ नहीं है कि ये कटौती कब की जाएगी, लेकिन एनालिस्ट्स ये अनुमान जता रहे हैं कि मई में इस सवाल का जवाब मिल जाएगा. दूसरी तरफ डॉलर की कमजोरी का फायदा भी सोने की कीमतों को मिला है.
चांदी के भी बढ़े भाव
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के जिंस शोध के वरिष्ठ उपाध्यक्ष नवनीत दमानी ने कहा, चांदी भी बढ़त के साथ 27.05 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार कर रही थी. पिछले सत्र में यह 26.25 डॉलर प्रति औंस पर बंद हुई थी. उन्होंने कहा, ‘‘अमेरिकी ब्याज दर में कटौती पर अनिश्चितता के बीच डॉलर में कमजोरी के कारण सोना अपने सर्वकालिक उच्चस्तर के आसपास मंडरा रहा है, जबकि सुरक्षित-निवेश विकल्प की मांग बढ़ने से भी कीमतों को मदद मिली है.'' उन्होंने कहा, ‘‘इसके अलावा, औद्योगिक धातुओं में भारी तेजी के बीच, घरेलू मोर्चे पर चांदी की कीमतें भी अबतक के उच्चतम स्तर पर हैं.''
शेयरखान बाय बीएनपी पारिबा के बुनियादी मुद्रा और जिंस विभाग के सहायक उपाध्यक्ष प्रवीण सिंह के मुताबिक , ‘‘गुरुवार को जारी होने वाले साप्ताहिक बेरोजगारी दावों समेत प्रमुख अमेरिकी आर्थिक आंकड़े, अमेरिकी फेडरल रिजर्व की मौद्रिक नीति दृष्टिकोण पर अधिक जानकारी प्रदान करेंगे.''