रतन टाटा की मौत के 4 महीने बाद उनके खास दोस्त शांतनु नायडू को TATA मोटर्स में मिली बड़ी जिम्मेदारी

Shantanu Naidu: सड़कों पर घूमने वाले पशुओं और कुत्तों की सेवा के लिए शांतनु ने मोटोपॉज नाम की एक संस्था बनाई है. यह संस्था हादसे से बचाने के लिए आवारा कुत्तों और पशुओं के गले में रिफ्लेक्टर लगे डेनिम कॉलर लगाती है.

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शांतनु नायडू (Photo- Shantanu Naidu Linkedin)

Shantanu Naidu: पिछले साल 9 अक्टूबर को रतन टाटा के निधन के बाद पूरे कारोबार जगत में शोक की लहर छा गई थी. रतन टाटा का सादगी भरा जीवन और उनकी विनम्रता के एक मिशाल के रूप में जानी जाती थी. रतन टाटा के कारोबारी जीवन में युवा शांतनु नायडू बड़े सहयोगी के रूप में रहे. शांतनु को रतन टाटा का खास दोस्त भी कहा जाता था. अब रतन टाटा के निधन के 4 महीने बाद शांतनू नायडू को टाटा मोटर्स में बड़ी जिम्मेदारी दी गई. शांतनू नायडू ने खुद अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से जानकारी दी है.

लिंक्डइन पर शांतनु की भावुक पोस्ट

शांतनू ने लिंक्डइन पर एक भावुक पोस्ट लिखकर कहा, "मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि मैं टाटा मोटर्स में एक नया पद शुरू संभाल रहा हूं. मुझे याद है जब मेरे पिता अपनी सफेद शर्ट और नेवी पैंट में टाटा मोटर्स प्लांट से घर जाते थे और मैं खिड़की पर उनका इंतजार करता था. रतन टाटा के सबसे खास सहयोगी रहे शांतनु नायडू को टाटा मोटर्स के जनरल मैनेजर, हेड स्टैटजिक इनीशियटिव की जिम्मेदारी दी गई है. 

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तेलुगु परिवार में पैदा हुए थे शांतनु

शांतनु 1993 में पुणे के एक तेलुगु परिवार में पैदा हुए थे. वह रतन टाटा की तरह समाज के प्रति काफी संवेदनशील हैं. समाज सेवा के साथ-साथ शांतनु को पशुओं से भी काफी प्रेम है. सड़कों पर घूमने वाले कुत्तों की सेवा के लिए शांतनु ने मोटोपॉज नाम की एक संख्था भी बनाई है. मोटोपॉज का वह अभियान रतन टाटा को काफी पसंद आया था, जिसके तहत सड़क पर घूमने वाले जानवरों के लिए डेनिम कॉलर बना और उन्हें पहना रहे थे. इन कॉलर में रिफ्लेक्टर लगा होता था, जिससे हादसे में कमी आई. 

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इस वजह से रतन टाटा के संपर्क में आए शांतनु

जानकारी के मुताबिक, शांतनु के पशु और कुत्तों के प्रति प्रेम ने रतन टाटा का ध्यान खींचा और टाटा ने उन्हें मुंबई बुलाया. माना जाता है कि यहीं से रतन टाटा और शांतनू के बीच दोस्ती की शुरुआत हुई थी. नायडू ने अमेरिका से मास्टर डिग्री पूरी करने के बाद आरएनटी के कार्यालय में नौकरी मिली. टाटा के लिए कई मामलों का मैनेजमेंट देखने के अलावा, नायडू सामाजिक रूप से रेलीवेंट प्लेटफॉर्म स्थापित करते रहे.

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